मप्र(उज्जैन): जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज की प्रमुख प्रचारिका सुश्री धामेश्वरी देवी द्वारा मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री जानकीनाथ मंदिर, महाश्वेता नगर में चल रही दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला के दूसरे दिन यह सिद्ध किया गया था कि, विश्व का प्रत्येक जीव आस्तिक है और वो एकमात्र आनंद चाहता है। तीसरे दिन शनिवार को देवीजी ने वेदों के माध्यम से यह प्रमाणित किया कि, विश्व का प्रत्येक जीव नास्तिक है क्योंकि हर कोई इंद्रियों की भक्ति करता है। लोग कहते तो हैं कि भगवान सबके अंतःकरण में व्याप्त हैं लेकिन इसको शतसः मानते नहीं हैं। यदि कोई प्रतिक्षण ईश्वर को अपने अंतःकरण में बैठा माने, उन्हें अपने साथ हर जगह महसूस करे, तो वो कोई अपराध कर नहीं सकता क्योंकि पाप तभी होता है जब हम यह भूल जाते हैं कि, हम उस परमपिता के अधीन हैं और वो प्रतिक्षण हमारे कार्यों को देख रहा है।
देवीजी में यहाँ बताया कि, जब लोग मंदिर में जाते हैं केवल उतने समय के लिए भगवान के सामने मंत्र,जाप, श्लोक आदि बोल देते हैं, जैसे ‘‘त्वमेव माता च पिता त्वमेव‘‘ आदि लेकिन उनकी मन की आसक्ति सांसारिक कार्यों में होती है। उन्होंने कहा कि, इस प्रकार हर व्यक्ति, सर्वान्तर्यामी भगवान को धोखा देने का प्रयास करता है और मात्र इंद्रियों की भक्ति करता है। देवीजी ने आगे कहा कि, हम इतना भी नहीं जानते कि भगवान के नाम में स्वयं भगवान अपनी समस्त शक्तियों के साथ बैठे हुए हैं। इसी प्रकार हम लोग ईश्वर को न मानकर संसारी मान्यताओं, खोखली परंपराओं और इंद्रियों की भक्ति को अधिक मान्यता देते हैं। उपरोक्त सभी उदाहरणों से यह सिद्ध होता है कि विश्व का प्रत्येक जीव नास्तिक है।
ईश्वर की वास्तविक भक्ति करने के लिए हमें संसार के स्वरूप को समझना होगा? संसार का स्वरूप आगे प्रवचन में बताया जाएगा जो प्रत्येक शाम 7 से 9 बजे तक आयोजित होगें। प्रवचन का समापन श्री राधा कृष्ण भगवान की भव्य आरती के साथ हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरे