उत्तराखण्ड की विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। घाटी में अभी प्रिमूला, पोटेटिला, वाइल्ड रोज, कोवरा लिलि सहित करीब 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुए हैं। जुलाई और अगस्त महीने में घाटी अपने पूरे यौवन पर रहती है। अब फूल प्रेमी इस घाटी का सफर कर सकेंगे। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा इस यात्रा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। घांघरिया में प्रवेश द्वार पर मौजूद जांच चौकी को सक्रिय कर दिया गया है। समुद्र तल से 3 हजार 962 मीटर की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी 87 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। 6 नवम्बर 1982 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया और 2005 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया।
यही वो समय है जब यहाँ देश-विदेश के पर्यटकों का सबसे ज्यादा उत्साह रहता है। यहां प्राकृतिक तौर पर खिलने वाले फूलों के अलावा प्राकृतिक स्लोप भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि पहले दिन घाटी में जाने वाले 75 पर्यटकों में 12 स्पेन की महिला पर्यटक भी शामिल हैं। वहीं घाटी पहुंचे भोपाल मध्य प्रदेश के संजीव कुमार और पलिया उत्तर प्रदेश के ललित नारायण का कहना है कि वे चार दिन से घांघरिया में रुककर घाटी खुलने का इंतजार कर रहे थे।