भारत और वियतनाम ने 2030 तक के लिए रक्षा सहयोग पर हस्‍ताक्षर किये

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भारत और वियतनाम ने 2030 तक के लिए रक्षा सहयोग पर संयुक्‍त दृष्टिकोण पत्र पर हस्‍ताक्षर किये हैं। इससे मौजूदा रक्षा सहयोग और मजबूत होगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हनोई में वियतनाम के रक्षामंत्री फान वान जियान के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का और विस्‍तार करने तथा क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर माल परिवहन के क्षेत्र में पारस्‍परिक समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किये गये। यह माल परिवहन के क्षेत्र में प्रक्रिया को आसान बनाने में यह बडा कदम है और भारत के लिए भी लाभकारी है। वियतनाम द्वारा किसी देश के साथ किया गया इस तरह का यह पहला बडा समझौता है। बैठक के दौरान भारत द्वारा वियतनाम को 50 करोड डॉलर की रक्षा ऋण सहायता को अंतिम रूप देने पर सहमति हुई। परियोजनाओं के लागू होने से वियतनाम की रक्षा क्षमता में पर्याप्‍त वृद्धि होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सकेगा। श्री सिंह ने वियतनामी सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण के लिए वायु सेना अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल में भाषा और आईटी लैब की स्थापना के लिए आर्थिक और अन्‍य अनुदान देने की भी घोषणा की।

इससे पहले, रक्षामंत्री ने हनोई में दिवंगत राष्ट्रपति हो ची मिन्ह की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करके अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने एक श्रद्धेय बौद्ध मंदिर ट्रान क्वोक पैगोडा का भी दौरा किया। भारत और वियतनाम में 2016 से एक व्यापक कूटनीतिक साझेदारी हैं और रक्षा सहयोग इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है। वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिन्‍द-प्रशान्‍त दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। दोनों देशों का मानव सभ्‍यता का समृद्ध इतिहास रहा है और दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध दो हजार वर्षों से अधिक पुराने हैं।

courtesy newsonair

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