मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी लिमिटेड के संचालक मंडल की बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि अक्टूबर 2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड के ऋण को नाबार्ड द्वारा पहले से स्वीकृत ऋण की सीमा में रखा जाना है। बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में इस प्रयोजन के लिए वित्तीय सलाहकार ई एण्ड वायएलएलपी के साथ करार निरस्त किया गया है। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनोज गोविल और संचालक मंडल के सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में कम्पनी अधिनियम की धारा 149-150 के अनुसार प्रत्येक कंपनी जिसकी अंश पूँजी 10 करोड़ या उससे अधिक है, को स्वतंत्र संचालक नामांकित करना अनिवार्य है। मध्यप्रदेश शासन नर्मदा घाटी विकास विभाग के 13 जनवरी 2022 के आदेश के प्रावधानों एवं उसके उपबंधों को ध्यान में रखते हुए श्री अभय कुमार छाजेड़ को स्वतंत्र संचालक नामांकित करने का अनुमोदन किया। ऑडिट कमेटी के पुनर्गठन के संबंध में जानकारी दी गई कि कंपनी के स्वतंत्र संचालक श्री अरुण डागा के स्थान पर बोर्ड में श्री अभय कुमार छाजेड़ के नामांकन के उपरांत कंपनी द्वारा गठित लेखा परीक्षा (ऑडिट कमेटी) का पुनर्गठन किया जाना है।
लेखा प्रक्रियाओं के संबंध में बताया गया कि नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी द्वारा पोषित परियोजनाओं की प्रकृति के दृष्टिगत इनका संयुक्त स्वामित्व उचित प्रतीत नहीं होता। परियोजनाओं का स्वामित्व पूर्ण होने के उपरांत मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित किया जाएगा। पूर्ण होने तक परियोजनाओं पर किए जाने वाला सम्पूर्ण व्यय नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के नाम से अग्रिम भुगतान के रूप में कंपनी के लेखे में लेखाबद्ध किया जाएगा।