मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने 52 साल चांद पर जाने का सपना पूरा किया। मीडिया की माने तो अमेरिका दुनिया के पहले प्राइवेट मून मिशन के तहत पेरेग्रीन लैंडर वन का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण करने वाला देश बना। एस्ट्रोबोटिक नामक कंपनी ने इस मिशन को विकसित किया है। मीडिया सूत्रों के अनुसार, इस मिशन को भारतवंशी वैज्ञानिक लीड कर रहे हैं। पेरेग्रीन लैंडर पर नासा का सिर्फ यंत्र लगा है। इसके साथ ही यान अपने साथ कई वैज्ञानिक पेलोड के अलावा मानव अस्थियां भी लेकर जा चुका है। इस मिशन का भारत से गहरा नाता है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बताया जा रहा है कि 23 फरवरी को दुनिया का पहला कमर्शियल लैंडर चांद पर उतर सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक चांद के दक्षिण ध्रुव पर इसके लैंड करने की वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है। वहीं नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने भारत की चंद्रयान-3 की सफलता और रूस के लूना मिशन की विफलता दोनों देखी हैं। मीडिया की माने तो इस मिशन को एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी में मिशन निदेशक शरद भास्करन लीड कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक इस मून मिशन में 20 पेलोड चांद पर भेजे जाएंगे। इनमें से पांच नासा के रहेंगे, जबकि15 पेलोड अलग-अलग प्राइवेट कंपनियों के हैं। इस मिशन की सबसे अजब-गजब बात ये हैं कि इसमें मानव अस्थियों को चांद पर भेजा जा रहा है। एलिसियम स्पेस और सेलेस्टिस नाम की दो प्राइवेट कंपनियां इन अस्थियों को भेज रही हैं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, मानव अस्थियों के अलावा चांद पर कुछ चुनिंदा इंसानों के डीएनए सैंपल भी भेजे जा रहे हैं। सीएनएन के मुताबिक, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन, ड्वाइट आइजनहॉवर और जॉन एफ. कैनेडी के डीएनए सैंपल भी शामिल हैं। कुल मिलाकर डीएनए सैंपल के 265 कैप्सूल चांद पर भेजे जाएंगे। बता दें कि जिन लोगों के डीएनए सैंपल भेजे जा रहे हैं, उनमें एस्ट्रोनॉट फिलिप चेपमैन भी शामिल हैं। चेपमैन अपोलो मिशन के तहत चांद पर भेजने के लिए चुने गये थे। हालांकि, ये मिशन लॉन्च नहीं हुआ और 2021 में चेपमैन की मौत हो गई।
कौन हैं भास्करन
मीडिया की माने तो लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, पिट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया में एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी इंक में भास्करन एक मिशन निदेशक हैं। वह 7 साल और 7 महीने से इस कंपनी के साथ जुड़े हैं। इससे पहले उन्होंने लॉकहीड मार्टिन के साथ 25 साल तक काम किया था। शरद भास्करन भारतमूल के अमेरिकी नागरिक हैं। उनकी शिक्षा की अगर बात की जाए तो उनके पास टेक्सास यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीएससी की डिग्री है।
क्या है लैंडर का उद्देश्य
मीडिया की माने तो नासा के अनुसार उसका उद्देश्य पेरेग्रीन मिशन वन के साथ, ‘चंद्रमा पर पानी के अणुओं को खोजना, लैंडर के चारों ओर विकिरण और गैसों को मापना और चंद्र बाह्यमंडल (चंद्रमा की सतह पर गैसों की पतली परत) का मूल्यांकन करना है।
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