मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने दंगों और लूटपाट में 16 लोगों के मारे जाने के बाद आपातकाल की घोषित कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी कर्मियों और पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वेतन विवाद के विरोध में भड़के दंगो में राजधानी पोर्ट मोरेस्बी और देश के उत्तर में स्थित लाई में बड़ा नुकसान हुआ है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दंगों में 16 लोगों की मौत के बाद उन्होंने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है और सरकारी और पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, मारापे ने कहा कि उन्होंने देश के पुलिस प्रमुख के साथ-साथ वित्त और राजकोष विभागों के शीर्ष नौकरशाहों को निलंबित कर दिया है, जबकि सरकार दंगों के कारणों की समीक्षा कर रही है।
पापुआ न्यू गिनी में बड़े पैमाने पर लूटपाट और आगजनी में पंद्रह लोगों की मौत हो गई। इस घटना की जानकारी ऑस्ट्रेलियाई राज्य प्रसारक एबीसी ने गुरुवार को दी। दक्षिण प्रशांत देश के प्रधानमंत्री ने एक दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद लोगों से शांति की अपील की है।
एबीसी ने पुलिस के अपडेट का हवाला देते हुए बताया कि राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में दंगों में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि देश के उत्तर में स्थित लाई में सात लोग मारे गए हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, वेतन में कटौती को लेकर बुधवार को पुलिस और सार्वजनिक क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके लिए अधिकारियों ने प्रशासनिक गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया। इस विरोध प्रदर्शन के कराण पूरे दिन अराजकता फैली, टीवी फुटेज में पोर्ट मोरेस्बी की सड़कों पर हजारों लोगों को दिखाया गया, जिनमें से कई लूटा हुआ माल ले जाते हुए दिखाई दे रहे थे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, पापुआ न्यू गिनी के प्रधान मंत्री जेम्स मारापे ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजधानी में तनाव कम हो गया है, व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस भेजी गई है। उन्होंने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, कल शहर में पुलिस काम पर नहीं थी और लोगों ने अराजकता का सहारा लिया, सभी लोगों ने नहीं, बल्कि हमारे शहर के कुछ हिस्सों में लोगों ने अराजकता फैलाई।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पोर्ट मोरेस्बी में संयुक्त राज्य दूतावास ने कहा कि पुलिस काम पर लौट आई है, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है। एक बयान में कहा गया कि आपेक्षिक शांति एक पल की सूचना पर बदल सकती है। इसमें कहा गया है कि उसे देश के कई अन्य इलाकों में हिंसा की खबरें मिली हैं। देश के दूतावास ने कहा कि कई चीनी नागरिक मामूली रूप से घायल हो गए, चीनी स्वामित्व वाली दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि देश का उच्चायोग स्थिति की निगरानी कर रहा है और कैनबरा को पापुआ न्यू गिनी से मदद के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है, जिसे वह नियमित रूप से पुलिसिंग और सुरक्षा में समर्थन करता है। हम इस कठिन समय में शांति का आग्रह करना जारी रखते हैं। हमें इस समय पीएनजी सरकार से कोई अनुरोध नहीं मिला है लेकिन… पापुआ न्यू गिनी में हमारे मित्र हैं, उनके साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, प्रशांत द्वीप राष्ट्र में पुलिस पिछले वर्ष में हिंसक अपराध में वृद्धि से जूझ रही है। मारापे ने कहा है कि सुरक्षा बढ़ाने से पीएनजी के सोने और तांबे के संसाधनों में विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। अपने वेतन में कटौती का पता चलने के बाद पुलिस बुधवार सुबह हड़ताल पर चली गई। सरकार ने सोशल मीडिया पर संदेश प्रसारित कर इस बात से इनकार किया कि पुलिस पर कोई नया कर लगाया गया है और मारापे ने किसी भी प्रशासनिक त्रुटि को ठीक करने की बात कही है जिसके कारण वेतन में कमी हुई है।
मीडिया की माने तो एक अधिकारी ने बुधवार को स्थानीय रेडियो एफएम100 को बताया कि पुलिस के बिना शहर ने “नियंत्रण खो दिया है”।
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