मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,भारत के आसपास व्यावसायिक जहाजों पर हमले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह भयानक स्थिति किसी भी देश के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के खतरों का भारत की ऊर्जा और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है। ईरान की दो दिन की यात्रा पर सोमवार को तेहरान पहुंचे जयशंकर अपने समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ द्विपक्षीय बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। जयशंकर ने कहा कि हाल ही में हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री व्यावसायिक नौवहन की सुरक्षा के लिए खतरा भी बढ़ा है। लाल सागर में जहाजों पर हमलों के संदर्भ में उन्होंने जोरे देते हुए कहा कि इस संकट को शीघ्रता से दूर किया जाना महत्वपूर्ण है।
जानकारी के लिए बता दें कि, जयशंकर की ईरानी विदेश मंत्री के साथ रणनीतिक रूप से अहम चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे और कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसकी जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट में देते हुए जयशंकर ने लिखा, हमारी द्विपक्षीय चर्चा चाबहार बंदरगाह और आईएनएसटीसी संपर्क परियोजना में भारत की भागीदारी के लिए दीर्घकालिक ढांचे पर केंद्रित थी। ईरान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि चाबहार बंदरगाह और उत्तर-दक्षिण पारगमन मार्ग का विस्तार अहम है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम समझ सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय जल में सुरक्षा काफी अहम है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत और ईरान के बीच चल रहे उच्च स्तरीय बैठकों की कड़ी में यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत और ईरान दोनों ही पश्चिम एशिया की हाल की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं और क्षेत्र में हिंसा और शत्रुता को और बढ़ने से रोकने के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि उन दोनों के बीच गाजा की बेहद चिंताजनक स्थिति पर स्वाभाविक रूप से चर्चा हुई।
Image Source : ANI
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