मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सूडान और दक्षिण सूडान दोनों के दावे वाले तेल समृद्ध क्षेत्र अबेई में बंदूकधारियों ने ग्रामीणों पर हमला किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र शांतिदूत सहित 52 लोग मारे गए और 64 घायल हुए हैं। वर्तमान में अबेई क्षेत्र दक्षिण सूडान के नियंत्रण में है। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि शनिवार शाम को बंदूकधारियों ने हमला किया। अभी हमले की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन भूमि विवाद से जुड़े होने का संदेह है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अबेई के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (UNISFA) ने हिंसा की निंदा की है। UNIFSA ने हिंसा में अपने एक शांतिदूत की मौत की पुष्टि की और कहा कि सांप्रदायिक हिंसा के कारण कई लोग हताहत हुए हैं। बयान में कहा गया है कि अगोक (Agok) में UNISFA बेस पर सशस्त्र समूह ने हमला किया। मिशन ने हमले को विफल कर दिया, लेकिन दुखद रूप से घाना के एक शांतिरक्षक की मौत हो गई।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, अबेई क्षेत्र में जातीय हिंसा आम बात है। यहां के आदिवासी समूहों के बीच भूमि विवाद चल रहा है। क्षेत्र के बहुसंख्यक नगोक डिंका समुदाय के लोग दक्षिण सूडान का पक्ष लेते हैं, जबकि मिसेरिया खानाबदोश लोग सूडान के समर्थक माने जाते हैं। मीडिया में आई खबर के अनुसार, पिछले साल मार्च में दक्षिण सूडान के अबेई में अपने सैनिकों को तैनात करने के बाद से सांप्रदायिक और सीमा पार झड़पें बढ़ गई हैं। अफ्रीकी संघ ने अबेई के लिए जनमत संग्रह का प्रस्ताव रखा था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मतदान में भाग लेने वालों को लेकर असहमति थी।
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