मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, थल सेना अध्यक्ष जनल मनोज पांडे ने मंगलवार को भविष्य की रक्षा चुनौतियों और स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने पर जोर डाला। जनरल पांडे के अनुसार अब अंतरिक्ष, साइबर और सूचना प्रणाली जैसे नए क्षेत्रों तक युद्ध की सीमाएं पहुंच गई हैं। ऐसे में भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को स्वदेशी क्षमताएं विकसित करने पर जोर देना चाहिए। आर्मी चीफ ने सुरक्षा बलों से तकनीक और खुद पर भरोसा करने की बात पर जोर दिया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जनरल पांडे ने कहा कि भारत को अब स्वदेशी सैन्य क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी देश अपनी अत्याधुनिक तकनीक को साझा नहीं करना चाहेगा। आधुनिक युद्धों को देखें तो इनकी पहुंच अब अंतरिक्ष, साइबर और सूचना तंत्र तक हो चुकी है। ऐसे में सेनाओं की ताकत भी बढ़ रही है। उन्होंने युद्ध के मैदान में अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि आने वाले समय में कोई भी देश हमारे साथ अपनी नवीनतम, उन्नत और मारक तकनीक को साझा नहीं करेगा। आर्मी चीफ ने कहा कि अगर हम ऐसी तकनीक के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहे तो कई क्षेत्रों में पीछे छूट सकते हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, जनरल पांडे ने कहा कि सुरक्षा बलों को आत्म निर्भर होना और खुद पर भरोसा करना आवश्यक है। इस तरह से हम स्वदेशी और आधुनिक तकनीक के माध्यम से और भी ज्यादा ताकतवर साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम युद्धक्षेत्र के डिजिटलीकरण के बारे में बात करते हैं, तो पता चलता है कि हथियारों की मारक क्षमता और सटीकता में कई गुना वृद्धि हो चुकी है। सेना प्रमुख ने कहा कि अब प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व पैमाने पर प्रसार हो रहा है, जिससे आधुनिक युद्धों के चरित्र को बदल रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। भारतीय सेना आत्मनिर्भरता के माध्यम से अपनी क्षमता के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
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