मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ में इन्सुलिन दी गई। केजरीवाल का शुगर लेवल लगातार हाई हो रहा था। जो 320 तक पहुंच गया था। प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी के बाद पहली बार इन्सुलिन दी गई। तिहाड़ के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि केजरीवाल को बीती शाम 7 बजे के बाद इंसुलिन की दो खुराक दी गई थी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य पर तिहाड़ जेल के महानिदेशक (जेल) संजय बेनीवाल ने कहा कि खाना हमारे यहां समय पर दिया जाता है। अदालत आदेश के चलते इन्हें घर से खाना आता है। जिसकी जांच में 5 से 7 मिनट का समय लगता है। हमारे यहां लगभग 900-1000 कैदियों को मधुमेह है। हम जिनका प्रबंधन कर रहे हैं। मेरे लिए ये मुद्दे नहीं है। लेकिन अगर लोग राजनीति के लिए ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं, मुझे इसमें शामिल नहीं होना है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, अरविंद केजरीवाल के जेल अधीक्षक को लिखे पत्र पर उन्होंने कहा कि जेल में 20,000 लोग हैं, हर किसी के कुछ समस्याएं हैं। हमें उनके निवारण की भी व्यवस्था करनी होगी। हर जेल में एक विजिटिंग जज होते हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें, साफ-सफाई और कानूनी समाधान तक पहुंच आदि पर नजर रखते हैं। वे कैदियों की शिकायतें भी सुनते हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने जेल प्रशासन पर गलत बयान देने का आरोप लगाया है। तिहाड़ प्रशासन का पहला बयान ‘अरविंद केजरीवाल ने इंसुलिन का मुद्दा कभी नहीं उठाया’ यह सरासर गलत है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि वह पिछले 10 दिन से लगातार इंसुलिन का मुद्दा उठा रहे हैं। जब भी कोई डॉक्टर देखने आया, तो उन्हें बताया कि उनका शुगर लेवल बहुत हाई है। मैंने ग्लूको-मीटर की रीडिंग दिखाकर बताया कि दिन में तीन बार पीक आती है और शुगर लेवल 250-320 के बीच जाता है। मैंने बताया कि फास्टिंग का शुगर लेवल रोज 160-200 पर है। मैंने रोज इंसुलिन की मांग की है। लेकिन यह झूठा बयान कैसे दे सकते हैं कि केजरीवाल ने कभी इंसुलिन का मुद्दा नहीं उठाया।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सीएम केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर कहा कि बीते 23 दिनों से अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में हैं। उनका शुगर लेवल 300 लेवल पार हो गया। जिसे वह बार-बार बता रहे हैं। लेकिन इंसुलिन नहीं दिया गया। कहा गया था कि उन्हें इंसुलिन की जरूरत नहीं है, लेकिन अब यह दिया गया है कि तिहाड़ जेल का हर कैदी बराबर है। आगे कहा कि अब भाजपा हमें बताए कि अगर हर कैदी बराबर है तो ऐसा
करो वे इंसुलिन के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं? क्या कोई कैदी बीमार पड़ने पर इलाज के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाता है। अरविंद केजरीवाल को मुसीबत में डालने के लिए जानबूझकर साजिशों के जरिए उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। आज भाजपा और केंद्र सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। कोर्ट के आदेश के बाद जब एम्स के विशेषज्ञ ने उन्हें देखा तो इंसुलिन दिया गया।
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