Bloomberg: ब्लूमबर्ग इंडेक्स में शामिल होगा भारत, मिल सकेगा सस्ता कर्ज; इस तारीख से लागू होगा फैसला

0
140
Bloomberg: ब्लूमबर्ग इंडेक्स में शामिल होगा भारत, मिल सकेगा सस्ता कर्ज; इस तारीख से लागू होगा फैसला
(Share Market) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जेपी मॉर्गन के बाद अब ब्लूमबर्ग ने भी अपने बॉन्ड इंडेक्स में भारतीय सरकारी बॉन्ड को शामिल करने का फैसला किया है। भारत फुली एक्सेसिबल बॉन्ड्स यानी एफएआर को ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट लोकल करंसी गर्वनमेंट इंडेक्स और इससे जुड़े इंडेक्स में 31 जनवरी, 2025 से शामिल किया जाएगा। इसके बाद देश की सरकारी प्रतिभूतियों में अगले दो साल में 40 अरब डॉलर के विदेशी निवेश का अनुमान है। यह रकम विदेशी निवेशकों के पास मौजूद भारतीय बॉन्ड के आकार से भी ज्यादा है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, बाजार से जुड़े सभी पक्षों से चर्चा के बाद ब्लूमबर्ग ने यह फैसला लिया है। ब्लूमबर्ग ने मंगलवार को बताया कि बॉन्ड्स को इंडेक्स में 10 माह के दौरान कई चरणों में शामिल किया जाएगा। जिन इंडेक्स में भारत को जगह मिल सकती है, उसमें ब्लूमबर्ग इमर्जिंग लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स, 10 पर्सेंट कंट्री कैप्ड इंडेक्स और अन्य इंडेक्स शामिल हैं। ब्लूमबर्ग ने कहा, भारतीय एफएआर बॉन्ड्स को हमारे इमर्जिंग मार्केट लोकल करेंसी गवर्नमेंट इंडेक्स में शामिल करना खास अवसर है। खासकर, तब जब भारत अपने बॉन्ड बाजार को खोलने के लिए लगातार कदम उठा रहा है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ब्लूमबर्ग के मुताबिक 31 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाली 10 महीने की अवधि में चरणबद्ध तरीके से संबंधित इंडेक्स में भारत एफएआर शामिल होगा। बॉन्ड बाजार के पूरे मूल्य के 10 फीसदी के शुरुआती वेटेज के साथ ब्लूमबर्ग ईएम लोकल करेंसी इंडेक्स में शामिल होगा। यह अवधि अक्तूबर 2025 में खत्म होगी। तब तक हर महीने एफएआर बॉन्ड का वेटेज उनके बाजार के पूरे मूल्य के 10 फीसदी के साथ बढ़ाया जाएगा।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, ब्लूमबर्ग इमर्जिंग मार्केट 10 फीसदी कंट्री कैप्ड इंडेक्स में पूरी तरह से शामिल होने के बाद, भारत चीन और दक्षिण कोरिया दोनों के साथ 10% कैप तक पहुंचने वाले बाजारों में शामिल होगा। इंडेक्स में 34 भारतीय प्रतिभूतियां शामिल होंगी। बाजार वैल्यू वेटेज आधार पर 6.18 लाख करोड़ डॉलर इंडेक्स का 7.26 फीसदी हिस्सा रखेगा।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, भारतीय बॉन्ड्स में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों को अपनी मुद्रा को रुपये में बदलना होगा। इससे रुपये की मांग बढ़ेगी और यह महंगा होगा। आयात भी महंगा होगा। इसका असर महंगाई दर पर हो सकता है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय बॉन्ड के अपने इंडेक्स में शामिल करने के जेपी मॉर्गन के फैसले के बाद इस साल के पहले दो माह में घरेलू बॉन्ड बाजार में रिकॉर्ड विदेशी निवेश हुआ है। जनवरी में 19,837 करोड़ व फरवरी में 22,419 करोड़ का निवेश आया है। फरवरी का निवेश 7 साल में सर्वाधिक है।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here