मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर जापानी शिनकानसेन तकनीक पर आधारित प्रारंभिक भूकंप जांच प्रणाली से लैस होगा। यात्रियों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जापानी वैज्ञानिकों द्वारा चिह्नित 28 स्थानों पर सिस्मोमीटर लगाए जाएंगे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के अफसरों ने बताया कि सिस्मोमीटर ट्रैक्शन सब-स्टेशनों और स्विचिंग पोस्टों में स्थापित किए जाएंगे। ये प्राथमिक तरंगों के माध्यम से भूकंप के झटकों का पता लगा लेंगे और स्वचालित रूप से बिजली बंद कर देंगे। बिजली बंद होते ही आपातकालीन ब्रेक सक्रिय हो जाएंगे और प्रभावित क्षेत्र में चलने वाली ट्रेनें रुक जाएंगी। कॉर्पोरेशन के अफसरों ने कहा कि 28 सिस्मोमीटर में से 22 को संरेखण के साथ स्थापित किया जाएगा।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, भारत की पहली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम जोर शोर से किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन को सबसे पहले मुंबई-अहमदाबाद के बीच संचालित किया जाएगा, जिसका ट्रायल रन संभवत: 2026 में होगा। इससे पहले मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) कॉरिडोर पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेल मंत्रालय की ओर से बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन को 28 भूकंपमापी सिस्टम (सिस्मोमीटर) से लैस करने की घोषणा की है। इस बाबत रेल मंत्री वैष्णव की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ एक्स’ पर एक पोस्ट साझा की है।
मीडिया की माने तो रेल मंत्रालय की ओर से उठाए जा रहे इस कदम को यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है। भारत की इस पहली निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन को भूकंपमापी सिस्टम से लैस करने के पीछे खास मकसद भूकंप का शीघ्रता शीघ्र पता लगाना है। इससे हाई स्पीड रेल यात्रा के दौरान संभावित खतरों को कम करने के लिए सक्रिय उपाय किए जा सकेंगे।
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