मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए लागू करने को जायज ठहराते हुए कहा, हमने कहा था कि हम सीएए लाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया। आजादी के बाद कांग्रेस और हमारे संविधान निर्माताओं का यह वादा था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक तौर पर उत्पीड़ित लोगों को भारत आने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी, लेकिन तुष्टीकरण और वोट-बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तेलंगाना के भाजपा पोलिंग बूथ अध्यक्षों को संबोधित करते हुए शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएए के जरिये हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन शरणार्थियों को नागरिकता देकर सम्मानित किया है। यहां भाजपा सोशल मीडिया स्वयंसेवकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सीएए के कारण कोई भी नागरिक अपनी नागरिकता नहीं खोएगा। सीएए नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं। ओवैसी, खरगे और राहुल गांधी सब झूठ बोल रहे हैं कि इससे अल्पसंख्यकों की नागरिकता चली जाएगी। मैं आश्वस्त करता हूं कि नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री ने कहा, पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों-करोड़ों लोग अपनी आस्था और सम्मान को बचाने के लिए भारत आए, लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं दी गई। उन्होंने अपने देश में खुद को अपमानित महसूस किया। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए के जरिये हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख शरणार्थियों को नागरिकता देकर उनका सम्मान किया है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, शाह ने कहा, सरकार ने पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार मुक्त शासन दिया। उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, तीन तलाक को खत्म करने और देश के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने जैसी मोदी सरकार की कुछ उपलब्धियों को रेखांकित किया।
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