China: चीन ने लॉन्च किया मिशन चांग ई-6, चांद की धूल और चट्टानों के नमूनों पर रिसर्च की योजना

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China: चीन ने लॉन्च किया मिशन चांग ई-6, चांद की धूल और चट्टानों के नमूनों पर रिसर्च की योजना
(चीन का चांद पर मिशन चांग ई-6) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने चंद्रमा के नमूने एकत्र करने और उन्हें रिसर्च के लिए पृथ्वी पर लाने के लिए चंद्र जांच मिशन शुरू किया है। चीन ने इस अभियान का नाम मिशन चांग ई-6 दिया है। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) के अनुसार चांग ई-6 मिशन के अंतर्गत चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने इकट्ठा किए जाएंगे। इसके बाद इन नमूनों को पृथ्वी पर लाकर इन पर रिसर्च की जाएगी।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, सीएनएसए का कहना है कि मानव चंद्र अन्वेषण के इतिहास में यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। चांग ई-6 को लॉन्ग मार्च-5 Y8 रॉकेट द्वारा चांद पर ले जाया गया है। इसे हैनान प्रांत के वेनचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार चांग ई-6 में ऑर्बिटर, लैंडर, एसेंडर और री-एंट्री मॉड्यूल के रूप में चार घटक शामिल हैं।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, इस मिशन के तहत चंद्रमा पर मौजूद धूल और चट्टानों को इकट्ठा किया जाएगा। इसके बाद इन नमूनों को री-एंट्री मॉड्यूल में स्थानांतरित करने के लिए एसेंडर की मदद से ऑर्बिटर में ले जाया जाएगा। इसके बाद ऑर्बिटर की मदद से इन नमूनों को रिसर्च के लिए पृथ्वी पर लाया जाएगा। सीएनएसए के अनुसार यह मिशन ऑटोमैटिक सैंपल कलेक्शन, टेक-ऑफ और चंद्रमा पर दूर से आरोहण जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों में सफलता हासिल करने के लिए तैयार है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएनएसए ने बताया कि चांग ई-6 मिशन के लैंडर और ऑर्बिटर पर फ्रांस, इटली और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिक उपकरण और एक पाकिस्तानी पेलोड है। इससे पहले चीन ने चंद्रमा पर मानवरहित मिशन लॉन्च किया था, जिसके तहत चंद्रमा पर एक रोवर को उतारना भी शामिल था। इसके अलावा चीन ने मंगल ग्रह पर भी एक रोवर भेजा है। चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर मानवयुक्त लैंडिंग की योजना की भी घोषणा की है। बता दें कि पिछले साल भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 का लैंडर प्रज्ञान रोवर उतारा था। ऐसा करने वाला भारत विश्व का पहला देश बना था।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, चीनी मिशन में पाकिस्तानी ऑर्बिटर का इस्तेमाल किया गया है। आईसीयूबीई-क्यू ऑर्बिटर में चांद की सतह की छवि लेने के लिए दो ऑप्टिकल कैमरे लगाए गए हैं। ऑर्बिटर को चीन के शंघाई विश्वविद्यालय एसजेटीयू और पाकिस्तान की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी सुपारको के सहयोग से डिजाइन और विकसित किया गया है। लॉन्चिंग के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश और देश के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह अंतरिक्ष में पाकिस्तान का पहला कदम है। परमाणु क्षेत्र की तरह ही, हमारे वैज्ञानिक, इंजीनियर और प्रतिभाशाली व्यक्ति इस क्षेत्र में भी लगन से प्रयास कर रहे हैं।

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