मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय वायु सेना और नौसेना ने अपने लड़ाकू विमान बेड़े की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए लंबी दूरी की सुपरसोनिक हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों को शामिल किया है। ये मिसाइलें 250 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को मार सकती हैं। हाई स्पीड लो ड्रैग मार्क-2 मिसाइल के रूप में जानी जाने वाली इन मिसाइलों का इस्तेमाल दुनिया की कुछ चुनिंदा सेनाएं करती हैं। हाल ही में ईरानी ठिकानों पर इस्राइली वायुसेना ने जो हमले किए थे उनमें इन्हीं मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था।
मीडिया की माने तो रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने इन मिसाइलों को जगुआर लड़ाकू जेट के साथ सुखोई-30 एमकेआई और मिग-29 लड़ाकू विमानों पर तैनात किया है। इसी तरह भारतीय नौसेना ने भी मिग-29(के) नौसैनिक लड़ाकू विमानों के लिए इन मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल किया है। इन मिसाइलों से भारतीय लड़ाकू पायलटों को संचार केंद्रों या रडार स्टेशनों जैसे लक्ष्यों पर हमला करने और उन्हें मार गिराने में आसानी होगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन मिसाइलों की खरीद 2020 में चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद रक्षा मंत्रालय ने की थी। भारतीय वायु सेना अब इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इन मिसाइलों का उत्पादन किया जा सकता है।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें