मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यूरोपीय देश डेनमार्क अपनी सेना में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में अपने कदम बढ़ा रहा है। डेनिश प्रधानमंत्री मैट फ्रेडरिकसेन ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यूरोप में बदलती स्थितियों को देखते हुए हम सेना में भर्ती का विस्तार करने जा रहे हैं। इसके लिए दो बड़े कदम उठाए जाएंगे। पहला कदम यह होगा कि अब पुरुषों के अलावा महिलाओं को भी सेना में शामिल किया जाएगा। दूसरा महिला और पुरुष दोनों के सेवा काल को चार महीने से बढ़ाकर 11 महीने किया जाएगा।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मैट फ्रेडरिकसेन ने कहा कि इसके पीछे उनका उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आने वाले युवाओं का अनुपात बढ़ाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक प्रेस कांफ्रेस में उन्होंने कहा कि वर्तमान में जब दुनिया के कई देश युद्ध की विभीषिका से जूझ रहे हैं। ऐसे में यह निर्णय लेना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी दुनिया में जहां अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती दी जा रही है हम खुद को इसलिए हथियारों से लैस नहीं कर रहे हैं क्योंकि हम युद्ध चाहते हैं बल्कि हम इसलिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि हम युद्ध से बचना चाहते हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस बीच, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार को फिनलैंड की सीमा पर सेना भेजने का फरमान जारी किया है। जिसके बाद फिनलैंड के प्रधानमंत्री पेटेरी ओर्पो ने चेतावनी दी कि मॉस्को पश्चिम के साथ लंबे संघर्ष की तैयारी कर रहा है। जिसके बाद डेनमार्क के रक्षामंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सेन ने कहा है कि यूरोप में स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। ऐसे में जब हम भविष्य की रक्षा को देखते हैं तो हमें इसे ध्यान में रखना होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले पांच सालों में डेनमार्क अपने रक्षा बजट को 5.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना चाहता है। बता दें कि नाटो के संस्थापक सदस्यों में से एक डेनमार्क ने 1990 के दशक की शुरुआत में शीत युद्ध समाप्त होने के बाद अपनी सैन्य शक्ति कम कर दी थी, लेकिन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। जिसके बाद डेनमार्क इस तरह के कदम उठा रहा है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, गौरतलब है कि डेनमार्क में 18 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे लोगों को सेना में बुलाया जाता है जो पूरी तरह से शारीरिक रूप से फिट हों। वर्तमान में डेनमार्क के पास 9000 सैनिक हैं। इसके अलावा 4700 जवान अभी शुरुआती प्रशिक्षण ले रहे हैं। ऐसे में सरकार 300 सिपाही और भर्ती करना चाहती है, जिससे 5000 सिपाहियों के आंकड़े को पूरा किया जा सके। बता दें कि डेनमार्क नाटो देशों में शामिल है और यूक्रेन का पक्षधर है।
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