मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डीजीसीए के गुरुवार को जारी मासिक यातायात आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी में उड़ानों में दो घंटे से अधिक देरी के कारण 4.82 लाख यात्री प्रभावित हुए। इसके चलते एयरलाइंस को सुविधा के लिए 3.69 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। वहीं, जनवरी में घरेलू यात्री यातायात पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 4.69 प्रतिशत बढ़कर 1.31 करोड़ हो गया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जनवरी 2023 में घरेलू यात्री यातायात 1.25 करोड़ दर्ज किया गया। आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने देरी के अलावा विभिन्न एयरलाइनों द्वारा लगभग 1,374 यात्रियों को बोर्डिंग से वंचित कर दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप वैकल्पिक उड़ानें और आवास, जलपान और भोजन प्रदान करने के अलावा मुआवजे में 1.28 करोड़ रुपये खर्च हुए।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, घरेलू यात्री यातायात के मोर्चे पर, नो-फ्रिल्स वाहक इंडिगो ने 60.2 प्रतिशत या 79.09 लाख यात्रियों को शामिल किया। इसके बाद 15.97 लाख यात्रियों के साथ 12.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ एयर इंडिया का स्थान रहा।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, जनवरी 2024 के दौरान निर्धारित घरेलू एयरलाइंस को कुल 732 यात्री संबंधी शिकायतें मिलीं। इस साल प्रति 10 हजार यात्रियों पर शिकायतों की संख्या विभिन्न कारणों से लगभग 0.56 थी। डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार इनमें से 54.8 प्रतिशत शिकायतें उड़ान की समस्या से संबंधित थीं, जबकि 17.8 प्रतिशत रिफंड के संबंध में थीं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, अगस्त 2022 में परिचालन शुरू करने वाले अकासा एयर ने चार प्रमुख मेट्रो हवाई अड्डों से समय पर उच्चतम प्रदर्शन दिया। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में औसतन 71.8 प्रतिशत उड़ानें समय पर आती और प्रस्थान करती हैं।
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