DRDO: बंगलूरू में बोले डीआरडीओ अध्यक्ष, एक्सोस्केलेटन तकनीक में चुनौतियों के समाधान के लिए मिलकर करना होगा काम

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DRDO: बंगलूरू में बोले डीआरडीओ अध्यक्ष, एक्सोस्केलेटन तकनीक में चुनौतियों के समाधान के लिए मिलकर करना होगा काम
डॉ समीर वी कामत (डीआरडीओ) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डीआरडीओ अध्यक्ष ने समीर वी कामत ने मंगलवार को हितधारकों से एक्सोस्केलेटन तकनीक में चुनौतियों का समाधान करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने अनुसंधान और विकास समुदाय, सशस्त्र बलों, उद्योग और शिक्षा जगत से कहा कि ऐसा करने से प्रौद्योगिकी के लिए एक रोडमैप तैयार करने में भी आसानी होगी।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दरअसल, बंगलुरु में 16 से 17 अप्रैल तक पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इसका ‘उभरती प्रौद्योगिकियों और एक्सोस्केलेटन के लिए चुनौतियां’ खास विषय है, जिसपर खूब चर्चा हो रही है। यह कार्यशाला, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की रक्षा जैव-इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रोमेडिकल प्रयोगशाला द्वारा आयोजित की गई। इसका उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के अध्यक्ष चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू की उपस्थिति में किया।

मीडिया की माने तो रक्षा मंत्रालय के बयानों के अनुसार अपने मुख्य भाषण में, डीआरडीओ अध्यक्ष ने परिवर्तनकारी एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकी के महत्व और सैन्य और नागरिक वातावरण में इसके व्यापक अनुप्रयोगों पर जोर दिया। उन्होंने अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) समुदाय, सशस्त्र बलों, उद्योग और शिक्षाविदों सहित हितधारकों से चुनौतियों का समाधान करने और एक्सोस्केलेटन के भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू ने एक्सोस्केलेटन अनुसंधान के इतिहास, इसके पहले के प्रोटोटाइप और चुनौतियों का पता लगाया। अपने संबोधन में, उन्होंने उन चुनौतियों का जिक्र किया जिनका वर्तमान में अनुसंधान एवं विकास समुदाय द्वारा समाधान किया जा रहा है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, लेफ्टिनेंट मैथ्यू ने पुनर्वास, व्यावसायिक चिकित्सा और संवर्धन में एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकियों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक्सोस्केलेटन तकनीक में जबरदस्त व्यावसायिक क्षमता है। जारी बयानों के अनुसार, ईटीएच, ज्यूरिख के प्रोफेसर रॉबर्ट रेनर और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, शिकागो, इलिनोइस के प्रोफेसर अरुण जयारमन द्वारा जानकारीपूर्ण गहन तकनीकी व्याख्यान दिए गए।

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