DRI: पिछले वर्ष डीआरआई ने जब्त कीं 3500 करोड़ की प्रतिबंधित सामग्रियां, तस्करी के 623 मामलों का पता लगाया

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DRI: पिछले वर्ष डीआरआई ने जब्त कीं 3500 करोड़ की प्रतिबंधित सामग्रियां, तस्करी के 623 मामलों का पता लगाया
(तस्करी के बढ़े मामले) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने पिछले वित्त वर्ष में तस्करी के 623 मामलों का पता लगाया और 3500 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित सामाग्रियां जब्त कीं। जब्त की गई सामग्रियों में सबसे ज्यादा ड्रग्स और सोना बरामद हुआ। दरअसल डीआरआई के प्रधान महानिदेशक मोहन कुमार सिंह ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की एक संगोष्ठी को संबोधित किया। देश में सबसे ज्यादा ड्रग्स और गोल्ड की स्मगलिंग होती है। उन्होंने कहा कि स्मगलिंग को रोकने के लिए सप्लाई चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है और यह सबसे बड़ी चुनौती भी है। डीआरआई ने पिछले वित्तीय वर्ष में कई सारी प्रतिबंधित सामग्रियों का पता लगाया। डीआरआई के प्रधान महानिदेशक मोहन कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा, आपूर्ति शृंखलाओं में घुसपैठ तस्करी पर अंकुश लगाने में एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। इन वस्तुओं की तस्करी के लिए हवाई यात्रियों, कोरियर और डाक कार्गो का इस्तेमाल किया जाना भी चिंता का विषय है। डीआरआई ने 623 तस्करी के मामलों का पता लगाया था। इसका मतलब है कि हर दिन औसतन 2 मामले सामने आते थे। तस्करी में डीआरआई ने 3,500 करोड़ रुपये जब्त किये थे। सिंह ने बताया कि इन स्मगलिंग में सबसे ज्यादा हिस्सा नशीले पदार्थों और साइकोट्रोपिक पदार्थों की होती है। इसके बाद सोने का नंबर आता है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके अलावा उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा तस्करी फ्लाइट, कूरियर और पोस्ट कार्गो के जरिये होती है। ऐसे में इस पर रोक लगाना बहुत जरूरी है। सूत्रों के मुताबिक, डीआरआई ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1,658 किलो सोना जब्त किया, जो पिछले वर्ष जब्त किए गए सोने से 35 फीसद अधिक है। ऐसे में तस्करी के मामलों में आई तेजी को रोकना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि ‘अवैध सीमा व्यापार’ अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है, इसलिए प्रवर्तन एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ वैश्विक सहयोग इससे निपटने का एक तरीका है। इसके साथ ही संबंधित हितधारकों को शामिल करने से तस्करी का पता लगाने और उस पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। फिक्की कैस्केड के चेयरमैन अनिल राजपूत ने कहा कि अवैध व्यापार करने वाले रूट प्लानिंग से लेकर रिस्क असेसमेंट एवं स्ट्रेटजी (रणनीति) तक के लिए एआई एवं अन्य तकनीकों का प्रयोग करते हैं। तकनीक के इस दुरुपयोग से निपटने के लिए लगातार ध्यान देने की जरूरत है। ग्लोबल फोरम बनाने से इसका समाधान हो सकता है।

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