ECI: आयोग ने किया चुनाव चिह्न आदेश 1968 में संशोधन; आम चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर के लिए उठाया ये बड़ा कदम

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ECI: आयोग ने किया चुनाव चिह्न आदेश 1968 में संशोधन; आम चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर के लिए उठाया ये बड़ा कदम
Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। हालांकि अभी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है। इस बीच, चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 में बड़ा संशोधन कर दिया है। इस संशोधन के बाद चुनाव निशान के आवंटन से जुड़े कानून को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लागू किया गया है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 में संशोधन को लेकर चुनाव आयोग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। आयोग ने इस अधिसूचना में बताया कि संशोधित कानून को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि पार्टी के चुनाव निशान से जुड़े नियम में यह संशोधन इसलिए किया गया है ताकि इसे जम्मू-कश्मीर में लागू किया जा सके। इस आदेश में राजनैतिक दलों के लिए चुनाव निशान का आवंटन, निशान आरक्षण और अंतर-पार्टी विवादों को हल करने से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, गौरतलब है कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान लागू थे, तब तक वहां चुनाव से संबंधित भारत के नियम लागू नहीं होते थे। बाद में जब साल 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द कर दिया गया और राज्य को केंद्र-शासित प्रदेश में बांट दिया गया तब वहां जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान लागू हो गए।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पहले के आदेश में कहा गया था कि चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधान पूरे भारत में लागू थे। बस यह जम्मू-कश्मीर राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में लागू नहीं था। अब संशोधित नियम में बताया गया है कि चुनाव प्रतीक (आरक्षण और आवंटन) आदेश अब पूरे भारत में सभी संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चुनावों के संबंध में लागू होता है। पहले के आदेश में ‘राज्य’ शब्द में केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी को शामिल किया गया था। वहीं संशोधन के बाद इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को भी शामिल किया गया है। बता दें कि देश में दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू और कश्मीर एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां विधानसभा का प्रावधान है।

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