मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड कैडर की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत के दौरान अपना अधिकांश समय जेल से बाहर बिताया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ईडी के दावे को गंभीरता से लिया। पीठ ने ईडी से सिंघल के हिरासत में बिताए गए समय के विवरण के साथ एक सारणीबद्ध चार्ट दाखिल करने को कहा। पीठ ने सिंघल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा से कहा, यदि हमें पता चलता है कि उन्होंने (सिंघल ने) हिरासत के दौरान 50 फीसदी से अधिक समय अस्पताल में बिताया है, तो हम आपकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा, वह (सिंघल) बहुत ही प्रभावशाली महिला हैं। हिरासत की कुल अवधि में से उन्होंने केवल 231 दिन जेल में और 303 दिन अस्पताल में बिताए हैं। बाकी समय वह जमानत पर बाहर रहीं। हमारे पास सीसीटीवी फुटेज मौजूद है, जिसमें उन्हें अस्पताल में इधर-उधर घूमते देखा जा सकता है। लूथरा ने इस आंकड़े का प्रतिरोध किया और कहा कि सिंघल को कई बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब पीठ ने राजू से पूछा कि क्या सिंघल जेल अस्पताल में हैं या कहीं अन्यत्र, इस पर एएसजी ने कहा कि वह रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं और अब भी वहीं हैं। राजू ने कहा, ‘यह अदालत सिंघल की बीमारियों का पता लगाने के लिए उनकी स्वास्थ्य जांच का आदेश दे सकती है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, धनशोधन मामले में छापे के बाद सिंघल 11 मई, 2022 से हिरासत में हैं। यह मामला ग्रामीण रोजगार के लिए केंद्र की प्रमुख योजना ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। ईडी ने राज्य के खनन विभाग की पूर्व सचिव सिंघल पर धनशोधन का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी टीम ने दो अलग-अलग धनशोधन जांच के हिस्से के रूप में कथित अवैध खनन से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त की है। ईडी ने उनके व्यवसायी पति, दंपती से जुड़े एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य पर भी धनशोधन मामले की जांच के तहत छापा मारा था। सिंघल को गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया था।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को तय करते हुए ईडी से 15 दिनों में जेल, अस्पताल और अंतरिम जमानत पर बिताए गए समय का ब्योरा देने को कहा। शीर्ष अदालत ने 10 फरवरी, 2023 को सिंघल को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी, ताकि वह अपनी बीमार बेटी की देखभाल कर सकें।
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