Elon Musk: एलन मस्क की न्यूरालिंक ने किया अपनी चिप को लेकर दावा, कहा- शख्स ने बिना छुए चलाया कंप्यूटर का माउस

0
100

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने दावा किया कि जिस इंसान के मस्तिष्क में चिप लगायी थी उसने बगैर छुए सिर्फ अपनी सोच के जरिये कंप्यूटर माउस को चलाने में कामयाबी हासिल की है। मस्क ने सोमवार देर रात खुद सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मस्क ने कहा, मस्तिष्क में चिप लगाने के बाद संबंधित शख्स की स्वस्थ होने की गति सही है और अब तक किसी तरह के कोई विपरीत परिणाम सामने नहीं आए हैं। यह व्यक्ति सिर्फ सोच के जरिये माउस चलाने में सक्षम है। मस्क ने कहा, न्यूरालिंक अब इस व्यक्ति के जरिये अधिक से अधिक माउस क्लिक हासिल करने में जुटा है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, हालांकि, इस बारे में न्यूरालिंक ने मीडिया की ओर से किए गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए चिप के जरिये हासिल की गई अन्य उपलब्धियों की कोई विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है। इंसानों के शरीर में चिप फिट कर बीमारियों के उपचार के लिए इंसानी परीक्षण की पिछले साल सितंबर में अनुमति मिली थी। न्यूरालिंक ने प्रायोगिक तौर पर पिछले महीने एक व्यक्ति के मस्तिष्क में पहली बार चिप लगाई थी।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, व्यक्ति के मस्तिष्क के उस हिस्से में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस इंप्लांट एक रोबोट के जरिये लगाया गया जो शरीर की हरकतों को नियंत्रित करता है। न्यूरालिंक ने तब बताया था कि इस प्रयोग का शुरुआती लक्ष्य कंप्यूटर, कीबोर्ड या फोन को सिर्फ सोच के जरिये नियंत्रित करना है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, न्यूरालिंक एलन मस्क की स्टार्टअप कंपनी है और इसके जरिये मस्क ने महत्वकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। उनका कहना है कि कंपनी के चिप उपकरणों को इंसानी शरीर में लगा कर मोटापा, ऑटिज्म, अवसाद या सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। हालांकि अभी वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि होनी बाकी है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, पिछले साल 5 अरब डॉलर की कंपनी आंकी गई न्यूरालिंक को लेकर आलोचनाएं भी कम नहीं हैं। मस्क ने 29 जनवरी को जब पहली बार इंसानी दिमाग में चिप लगाने की घोषणा की थी तब अमेरिकी जनता के बीच एक सर्वे किया गया था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सर्वे में 53 फीसदी लोगों ने कहा था कि यह बेहद बुरा विचार है और समाज के लिए सही नहीं है। सिर्फ 13 फीसदी इसके पक्ष में थे। कंपनी पर इसके अलावा भी कई आरोप लगे हैं। अमेरिकी ट्रांसपोर्टेशन नियमों के उल्लंघन को लेकर पिछले महीने कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था। आरोप था कि कंपनी ने खतरनाक सामग्री के परिवहन में नियमों का उल्लंघन किया।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here