मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में 2033 तक यानी नौ साल में देश में 5.82 करोड़ रोजगार मिलने की उम्मीद है। कोरोना के समय 2020 में पर्यटन क्षेत्र में 3.9 करोड़ नौकरियां गई थीं, जो देश के कुल रोजगार का करीब 8 फीसदी थी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एनएलबी सर्विसेज की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी से उबरने के बाद यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में सबसे तेज सुधार देखा गया। इस क्षेत्र ने कैलेंडर वर्ष 2023 में 16 लाख अतिरिक्त नौकरियां दीं। जनवरी 2023 से, यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में दिहाड़ी नौकरियों में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसमें अनुवादक, फोटोग्राफर और टूर गाइड जैसे पद शामिल हैं। अगले दो वर्षों में इस क्षेत्र की नौकरियों में 20 फीसदी तक वृद्धि की उम्मीद है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में काम करते हुए यात्रा-पर्यटन ने 2022 में भारत की जीडीपी में 15.9 लाख करोड़ का योगदान दिया। 2023 के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एनएलबी सर्विसेस के सीईओ सचिन अलग ने कहा, इस क्षेत्र में नियुक्तियों में वृद्धि करने वाले शीर्ष शहरों में दिल्ली, एनसीआर, मुंबई, बंगलूरू, पुणे और कोच्चि शामिल हैं। अन्य शहरों में जयपुर, अहमदाबाद व चंडीगढ़ शामिल हैं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, जिन प्रमुख प्रोफाइलों की मांग आगे बढ़ने वाली है, उनमें सेल्स (18%), बिजनेस डेवलपमेंट (17%), शेफ (15%), यात्रा सलाहकार (15%) शामिल हैं। टूर ऑपरेटर (15 फीसदी), ट्रैवल एजेंट (15 फीसदी), होटल व्यवसायी (15 फीसदी), गाइड (20 फीसदी), वन्यजीव विशेषज्ञ (12 फीसदी) में भी अच्छी मांग है।
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