मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आर्थिक व्यवधानों के चलते जून तिमाही में एफएमसीजी उद्योग की वृद्धि धीमी होकर 3.8 प्रतिशत रह गई। इसका असर पैकेज्ड नमक, गेहूं के आटे और पाम आयल की कम बिक्री के तौर पर सामने आया। पिछले साल की समान अवधि में उद्योग की वृद्धि 7.5 प्रतिशत थी जबकि मार्च तिमाही में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही थी। डाटा एनालिटिक्स फर्म नीलसनक्यू के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शहरी खपत वृद्धि 5.7 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत रह गई, जबकि ग्रामीण वृद्धि दर पिछली तिमाही के 7.6 प्रतिशत से घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मात्रा वृद्धि दर के मामले में भारत के अधिकांश हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्रों से आगे हैं। सुपरमार्केट, हाइपरमार्केट और बड़े प्रारूप वाले स्टोर की वृद्धि साल-दर-साल 10.9 प्रतिशत रही है। हालांकि मार्च तिमाही की तुलना में यह धीमी थी। पारंपरिक व्यापार जैसे किराना स्टोर की बिक्री वृद्धि्र में कमी आई है और यह पिछली तिमाही के 5.6 प्रतिशत की तुलना में घटकर जून तिमाही में 3.1 प्रतिशत रही। एफएमसीजी में गैर खाद्य श्रेणी की बात करें तो जून तिमाही में वृद्धि 7.6 प्रतिशत रही।
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