Ghatkopar Hoarding Collapse: स्थिरता प्रमाण पत्र के बिना हो रहा था होर्डिंग का इस्तेमाल, मुंबई पुलिस का दावा

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Ghatkopar Hoarding Collapse: स्थिरता प्रमाण पत्र के बिना हो रहा था होर्डिंग का इस्तेमाल, मुंबई पुलिस का दावा
Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई के घाटकोपर इलाके में 13 मई को जो होर्डिंग गिरी थी, इसके लिए स्थिरता प्रमाण पत्र मिलने से दो महीने पहले से ही इसका इस्तेमाल किया किया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज संघू ने संबंधित विज्ञापन फर्म द्वारा स्थापित 25 से ज्यादा संरचनाओं के लिए स्थिरता प्रमाण पत्र दिए होंगे। अपराध शाखा की जांच के मुताबिक, संघू ने पिछले साल 24 अप्रैल को होर्डिंग को स्थिरता प्रमाण पत्र जारी किया था। हालांकि, इसे लगाने वाली कंपनी ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड थी। पिछले साल फरवरी में इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया गया गया था।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि संघू ने प्रमाण पत्र जारी करते समय यह सत्पापित नहीं किया कि क्या इसका निर्माण नियमों को मुताबिक किया गया था या नहीं। उन्होंने कंपनी के निवेशकों के साथ साजिश रची और गैर जिम्मेदाराना तरीके से स्थिरता प्रमाण पत्र जारी किया। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी भावेश भिंडे ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि वह और एक अन्य निदेशक जान्हवी मराठे ने घाटकोपर में होर्डिंग का बड़ा ढांचा खड़ा करने के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर संघू को डिजाइन तैयार करने का काम दिया था।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, उधर, छत्रपति संभाजी नगर निगम ने चेतावनी दी है कि अगर मालिक चार जून तक संरचना के लिए स्थिरता प्रमाण पत्र जमा करने में विफल रहे तो, शहर में होर्डिंग ध्वस्त कर दिए जाएंगे। यह चेतावनी मुंबई के घाटकोपर होर्डिंग हादसे के मद्देनजर दी गई है। घाटकोपर हादसे में 17 लोगों की जान चली गई थी और अवैध और खतरनाक तरीके से होर्डिंग लगाने का मुद्दा सामने आया था।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, नगर निगम आयुक्त जी.श्रीकांत ने पत्रकारों को बताया कि नगर निकाय ने शहर के सभी इमारतों के मालिकों को चार जून तक स्थिरता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, अगर होर्डिंग किसी इमारत पर है, तो इमारत का ऑडिट भी किया जाना चाहिए और प्रमाण पत्र पेश किया जाना चाहिए। अगर प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया तो हम होर्डिंग और यहां तक कि जरूरत पड़ने पर इमारत को भी ध्वस्त कर देंगे। यही बात मोबाइल टॉवर्स पर भी लागू होती है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, वहीं, मुंबई की एक अदालत ने घाटकोपर में होर्डिंग लगाने वाली विज्ञापन कंपनी की पूर्व निदेशक जान्हवी मराठे की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। पुलिस ने अदालत को बताया कि होर्डिंग के निर्माण में जान्हवी सीधे तौर पर सक्रिय रूप से भागीदार थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश साने ने उनकी याचिका खारिज कर दी। विस्तृत आदेश हालांकि अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है। अपनी अग्रिम जमानत याचिका में मराठे ने दावा किया कि वह ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक थीं, लेकिन उन्होंने दिसंबर 2023 में इस्तीफा दे दिया था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुंबई की एक अदालत ने घाटकोपर हादसे के मामले में गिरफ्तार एक स्ट्रक्चर इंजीनियर को पांच जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज संघू को अपराध शाखा ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था। जिसे बाद उसे मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। बीएमसी द्वारा समिति में शामिल किए गए संघू ने होर्डिंग को स्थिरता प्रमाण पत्र दिया था। जो 13 मई को शहर में तेज हवाओं और बेमौसम बारिश के बाद एक पेट्रोल पंप पर गिर गया था।

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