मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस महीने के अंत तक भारतीय वायुसेना को पहला एलसीए मार्क-1ए फाइटर जेट दे सकता है। एचएएल जल्द से जल्द भारतीय वायुसेना को पहले ट्विन-सीटर ट्रेनर संस्करण विमान की डिलीवरी की दिशा में काम कर रही है। बता दें, जेट मिग की जगह लेगा और पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत पर जोर दे रहा है। रक्षा उत्पादों के विनिर्माण में स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि,एचएएल का कहना है कि यह कदम स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजना के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा। वायुसेना को उन्नत जेट प्रदान किया जाएगा। हमारी पूरी कोशिश है कि हम 31 मार्च तक डिलीवरी कर दें और हम इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना पहले ही एचएएल के साथ 83 एलसीए विमानों की आपूर्ति के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर कर चुकी है। अनुबंध की कीमत 48,000 करोड़ है। इसके अलावा, 65 हजार करोड़ के 97 और विमानों को खरीदने की मंजूरी मिल गई है। एलसीए मार्क 1 विमान को 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,भारत में बने हल्के लड़ाकू विमान एलसीए मार्क-1 ए के पहले बेड़े (स्क्वाड्रन) को पाकिस्तान सीमा पर तैनात करने की तैयारी है। मार्क-1ए मौजूदा तेजस एमके-1 का आधुनिक संस्करण है और इसे राजस्थान के बीकानेर में नाल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा। इसे सबसे एडवांस श्रेणी की रडार और संचार व इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली (एवियॉनिक्स) से लैस किया गया है।एलसीए मार्क 1ए वायुसेना में मिग-21, मिग-23 और मिग-27 की जगह लाए जा रहे हैं। मिग-23 व मिग-27 पहले ही सेवा से बाहर हैं। मिग-21 की दो स्क्वाड्रन सेवा में हैं। इन्हें भी समाप्त किया जाएगा।
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