मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
मीडिया सूत्रों के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सोरेन की याचिका का उल्लेख किया। मौजूदा लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए सिब्बल ने मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। सीजेआई ने कहा कि वह तत्काल सूचीबद्ध करने के सिब्बल के अनुरोध पर गौर करेंगे। सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था और उसे रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में रखा गया था। सोरेन को ईडी की 13 दिन की हिरासत के बाद 15 फरवरी को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।
सोरेन के खिलाफ गए सबूतों और दस्तावेजों के झूठे नहीं होने का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि ने उनके दिल्ली आवास से भारी नकदी की बरामदगी से इनकार नहीं किया है और ₹36 से अधिक रखने पर अपने माता-पिता की बीमारी का बहाना बनाया है। प्रथम दृष्टया लाखों की नकदी अप्राप्य लगती है। मीडिया द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय ने कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ ईडी द्वारा स्थापित मामला केवल पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए बयानों पर आधारित नहीं है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने खुद को संबंधित संपत्तियों के असली मालिक होने का दावा किया है। इसमें कहा गया है कि ऐसे दस्तावेजों की प्रचुरता है जो याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी और पुलिस और न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए आधार तैयार करते हैं। उच्च न्यायालय ने कहा, “इस स्तर पर, यह मानना संभव नहीं है कि ईडी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ बिना किसी कारण के कार्रवाई की है।”
News Source: @ANI
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