मीडिया सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन दिनों देश के कई इलाके भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। राजधानी दिल्ली में गुरुवार को इस सीजन का सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली में गुरुवार को अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वहीं हरियाणा के सिरसा में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। शुक्रवार को देश के कई इलाकों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। शनिवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को देश के कई स्थानों पर तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री सेल्सियस तक रहा। खासकर राजस्थान के अधिकतर इलाकों में, दक्षिणी हरियाणा के कुछ जिलों में, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया। यह सामान्य तापमान से 2-4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को कहा कि 18 मई से पूर्वी और मध्य भारत में भी गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा। विभाग ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधित चिंता पर जोर दिया गया है। चेतावनी में कहा गया है कि लंबे समय तक धूप में रहने वाले या भारी काम करने वाले लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारियां बढ़ने की आशंका है।
जानकारी के लिए बता दें कि, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले पांच दिनों तक राजस्थान के कुछ इलाकों, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में 17 मई से लेकर 21 मई तक गर्म हवाएं चलेंगी। उत्तर मध्य प्रदेश में 18 मई से 21 मई तक लू (हीट वेव) चलने की चेतावनी जारी की गई है। पश्चिमी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा और दिल्ली के कुछ इलाकों में 18-21 मई के बीच जानलेवा लू चलने की आशंका है। वहीं उप-हिमालयी इलाकों और पश्चिम बंगाल में 17 मई को उमस और गर्मी से लोग बेहाल रहेंगे। मौसम विभाग के अनुसार, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल के कुछ इलाकों में 17 से 21 मई के बीच भारी बारिश की आशंका है। साथ ही 20 मई को केरल में भी भारी बारिश का अनुमान है। दरअसल तमिलनाडु के दक्षिणी तट पर चक्रवाती तूफान के असर से यह बारिश होगी। बारिश के साथ ही 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। साथ ही अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, तटीय कर्नाटक, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में भी भारी बारिश का अनुमान है। दक्षिण पश्चिमी मानसून अंडमान सागर में आगे बढ़ रहा है और जल्द ही इसके केरल पहुंचने की संभावना है। भारत में जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी इलाकों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है तो उसे हीट वेव की स्थिति माना जाता है। इस स्थिति में गर्मी संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं और कई मामलों में यह जानलेवा भी हो सकती है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए हीटवेव की स्थिति खतरनाक होती है। हीट वेव या लू की स्थिति में इंसानों के शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या आ सकती है। इसमें हल्का बुखार भी हो सकता है। अधिक देर तक धूप में रहने से चक्कर आना और बेहोशी की समस्या भी हो सकती है। साथ ही कमजोरी, सिरदर्द, उल्टी की समस्या भी हो सकती है। यही वजह है कि लोगों को दोपहर के समय घरों में रहने की सलाह दी जा रही है।
Image Source : Amarujala
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