मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हॉन्गकॉन्ग में सुरक्षा को लेकर बनाए गए नए कानूनों का चीन ने समर्थन किया है। चीन ने इन कानूनों को बेहद कठोर बताने वाले देश ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन को आड़े हाथ लिया। चीन ने नए कानूनों के बचाव में कहा है कि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ को हॉन्गकॉन्ग के कानूनी मसलों मे हस्तक्षेप बंद करना चाहिए। चीन ने दो टूक कहा है कि हॉन्गकॉन्ग आंतरिक मामला है। सभी देशों को दक्षिणी चीनी शहर में अपने ‘औपनिवेशिक प्रभाव’ को जारी रखने का भ्रम छोड़ देना चाहिए। आलोचकों का कहना है कि इन कानूनों की मदद से असहमति को कुचला जाएगा।
जानकारी के लिए बता दे, खबरों के मुताबिक हान्गकान्ग की बीजिंग समर्थक विधायिका ने मंगलवार को एक विशेष सत्र के दौरान सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक पारित किया। नए कानून के अनुच्छेद 23 में बाहरी हस्तक्षेप और विद्रोह जैसे नए अपराधों से सख्ती से निपटने पर जोर दिया गया है। दंड में आजीवन कारावास जैसे कठोर प्रावधान शामिल किए गए हैं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, बता दें कि हॉन्गकॉन्ग एक ब्रिटिश उपनिवेश है। इसे ‘एक देश-दो प्रणाली’ के सिद्धांत के तहत 1997 में चीन को वापस सौंप दिया गया था। इस प्रमुख एशियाई शहर की स्वायत्तता बरकरार रखने को लेकर चीन ने गारंटी दी थी। चीन और हॉन्गकॉन्ग दोनों इस बात पर जोर देते हैं कि फिलहाल वही स्थिति बरकरार है। हालांकि, आलोचकों और अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों का दावा है कि पिछले तुछ समय में इस शहर पर बीजिंग की पकड़ बढ़ी है।
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