IEA: 2027 में क्रूड की मांग में वृद्धि का सबसे बड़ा केंद्र होगा भारत, स्वच्छ ऊर्जा से नहीं पड़ेगा फर्क

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IEA: 2027 में क्रूड की मांग में वृद्धि का सबसे बड़ा केंद्र होगा भारत, स्वच्छ ऊर्जा से नहीं पड़ेगा फर्क
(सांकेतिक तस्वीर) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत 2027 में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग में वृद्धि का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा। चीन को पीछे छोड़कर भारत यह उपलब्धि हासिल करेगा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने कहा, स्वच्छ ऊर्जा और विद्युतीकरण पर बड़े जोर के बावजूद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में परिवहन एवं उद्योग की खपत वृद्धि को गति देगी। हालांकि, भारत में तेल की मांग 2030 में भी चीन से पीछे रहेगी।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पेरिस की एजेंसी आईईए ने बुधवार को भारत ऊर्जा सप्ताह में जारी रिपोर्ट ‘2030 तक भारतीय तेल बाजार परिदृश्य’ में कहा, भारत में तेल की मांग 2023 के 54.8 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) से बढ़कर 2030 में 66.4 लाख बीपीडी पहुंच जाएगी। रिपोर्ट में आईईए के आंकड़े घरेलू और निर्यात के लिए कच्चे तेल को ईंधन में बदलने से संबंधित हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू खपत करीब 50 लाख बीपीडी है। आईईए के निदेशक (ऊर्जा बाजार एवं सुरक्षा) किसुके सदामोरी ने कहा, भारत करीब 12 लाख बीपीडी की वृद्धि दर्ज करने की राह पर है। 2030 तक इसके 66 लाख बीपीडी के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, भारत ने बुधवार को व्यवस्थित तरीके से हरित ऊर्जा की ओर बदलाव के लिए एक भरोसेमंद वृद्धि रूपरेखा बनाने की वकालत की। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत ऊर्जा सप्ताह में कहा, भारत अपनी तेल खरीद में विविधता लाने के विकल्प तलाश रहा है। इसमें रूस और वेनेजुएला में उपलब्ध अवसर का उपयोग भी शामिल है। मंत्री ने ‘वीयूसीए दुनिया में देशों और उद्योग के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना’ विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय पैनल में कहा, कोयला और पेट्रोल जैसे जीवाश्म ईंधन की आलोचना करने की जगह एक संतुलित एवं सार्थक बातचीत की जरूरत है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, आईईए में तेल उद्योग एवं बाजार प्रभाग की प्रमुख टोरिल बोसोनी ने कहा, विकसित देशों और चीन में कच्चे तेल की मांग धीमी हो गई है। इसके उलट, भारत वृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है। भारत वर्तमान में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा बड़ा क्रूड उपभोक्ता है। वह 85 फीसदी तेल आयात करता है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति के बीच हरित हाइड्रोजन को लेकर भारत में बड़ी उम्मीद जगी है। भारत पेट्रोलियम ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र संग मिलकर स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइजर का निर्माण किया है। भारत पेट्रोलियम के महाप्रबंधक सौरभ जैन ने कहा, बीना रिफाइनरी में हाइड्रोजन से ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो गया है। कोचीन रिफाइनरी में 500 किलोवॉट क्षमता का हरित हाइड्रोजन रिफिलिंग प्लांट लगाया जा रहा है। पीएम मोदी ने हरित हाइड्रोजन पर समीक्षा की है। इलेक्ट्रोलाइजर की मदद से भारत हरित हाइड्रोजन में भी आत्मनिर्भर बनेगा।

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