(लाओस से बचाए गए भारतीय) Image Source : Amar Ujala
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लाओस में फंसे 13 भारतीयों को बचा लिया गया है। अब उन्हें घर वापस भेजा जा रहा है। ये सभी लकड़ी के कारखाने में फंसे थे। इनसे अवैध काम कराया जा रहा था। दक्षिण पूर्व एशियाई देश में भारतीय दूतावास ने रविवार को यह जानकारी दी। वहीं, दूतावास ने लाओस में नौकरी की तलाश कर रहे भारतीयों से भी बहुत सावधान रहने की अपील की, ताकि वे फर्जी या अवैध रोजगार के लालच में न फंसें।
मीडिया सूत्रों से प्राप्त के अनुसार, पिछले महीने भी लाओस में फंसे 17 भारतीय कामगारों को बचाकर उन्हें भारत वापस लाया गया था।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, लाओस में भारतीय दूतावास ने एक्स पर कहा, ‘सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में भारतीयों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए दूतावास ने 13 भारतीयों को सफलतापूर्वक बचाया और वापस लाया, जिसमें अटापेउ प्रांत में एक लकड़ी के कारखाने से 7 उड़िया श्रमिक और गोल्डन ट्रायंगल एसईजेड, बोकेओ से 6 भारतीय युवा शामिल थे।’ पोस्ट में आगे कहा, ‘अब तक, दूतावास ने लाओ पीडीआर से 428 भारतीयों को बचाया है। हम लाओ अधिकारियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं।’
मीडिया सूत्रों के अनुसार, दूतावास ने 7 मई को भी एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें भारतीयों को फर्जी नौकरी की पेशकश के प्रति आगाह किया गया। एडवाइजरी में कहा गया कि हाल ही में ऐसे उदाहरण हमारे सामने आए हैं, जिनमें भारतीय नागरिकों को थाईलैंड के माध्यम से रोजगार का लालच दिया जा रहा है। ये फर्जी नौकरियां लाओस में गोल्डन ट्रायंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन में कॉल-सेंटर घोटालों और क्रिप्टो-मुद्रा धोखाधड़ी में शामिल संदिग्ध कंपनियों द्वारा ‘डिजिटल सेल्स और मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव’ या ‘कस्टमर सपोर्ट सर्विस’ जैसे पदों के लिए हैं।
मीडिया सूत्रों से प्राप्त के अनुसार, दूतावास ने आगे कहा, दुबई, बैंकॉक, सिंगापुर और भारत जैसी जगहों पर इन कंपनियों से जुड़े एजेंट साधारण साक्षात्कार और परीक्षण लेकर भारतीयों की भर्ती कर रहे हैं। पीड़ितों को अवैध रूप से थाईलैंड से लाओस में सीमा पार ले जाया जाता है। जिसके बाद लाओस में गोल्डन ट्रायंगल विशेष आर्थिक क्षेत्र में काम करने के लिए बंदी बना लिया जाता है। कामगारों को लगातार शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती हैं। कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, दूतावास ने कहा कि लाओस के अन्य क्षेत्रों जैसे खनन, लकड़ी कारखाने आदि में कम लागत वाली नौकरियों में काम करने के लिए भारतीय श्रमिकों को लाओस में लाए जाने के उदाहरण हैं। ज्यादातर मामलों में, उनके संचालक उनका शोषण करते हैं। उन्हें अवैध काम के लिए मजबूर करते हैं। कई भारतीयों को बहुत कठिन परिस्थितियों में बचाया गया है।’