Indian Economy: ‘भारत तीन साल तक सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा’, विश्व बैंक का अनुमान

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Indian Economy: 'भारत तीन साल तक सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा', विश्व बैंक का अनुमान
Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत अगले तीन वर्षों में 6.7 फीसदी स्थिर वृद्धि दर्ज करते हुए सबसे तेजी बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विश्व बैंक की ताजा ‘वैश्विक आर्थिक संभावना’ रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि बढ़कर 8.2 फीसदी रहने का अनुमान है। यह विश्व बैंक के जनवरी में जताए गए पिछले अनुमान से 1.9 फीसदी ज्यादा है। इसके साथ ही विश्व बैंक ने वर्ष 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि के 2.6 फीसदी पर स्थिर रहने का अनुमान जताया। रिपोर्ट में कहा गया, अघले दो वर्षों में वैश्विक वृद्धि बढ़कर औसतन 2.7 फीसदी तक जाएगी। हालांकि, यह कोविड-19 से पहले के दशक के 3.1 फीसदी से काफी कम होगी।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, इस पूर्वानुमान का मतलब है कि 2024-26 के दौरान दुनिया की 80 फीसदी से ज्यादा आबादी और वैश्विक जीडीपी वाले देश कोविड-19 से पहले के दशक की तुलना में धीमी गति से बढ़ रहे होंगे। दक्षिण एशिया में वृद्धि वर्ष 2023 में 6.6 फीसदी रही थी। इसके वर्ष 2024 में सुस्त पड़कर 6.2 फीसदी रह जाने का अनुमान है। इस सुस्ती के पीछे की मुख्य वजह हाल के वर्षों में उच्च आधार से भारत की वृद्धि दर में आई नरमी होगी।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, विश्व बैंक ने हालांकि भारत में स्थिर वृद्धि दर के साथ 2025-26 में दक्षिण एशिया क्षेत्र की वृद्धि दर 6.2 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है। इस क्षेत्र की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में बांग्लादेश की वृद्धि पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ी सुस्त रह सकती है, जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका में इसके मजबूत रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा। लेकिन इसके विस्तार की रफ्तार धीमी होने की संभावना है। वित्त वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि के बाद 2024-25 से शुरू होने वाले तीन वित्त वर्षों के लिए औसतन 6.7 फीसदी प्रति वर्ष की स्थिर वृद्धि का अनुमान है।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, इस सुस्ती के लिए खासतौर से उच्च आधार से निवेश में आई मंदी जिम्मेदार है। हालांकि निवेश वृद्धि अब भी पुराने अनुमान की तुलना में मजबूत रहने की उम्मीद है और पूर्वानुमान अवधि में मजबूत बनी रहेगी।

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