मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एक भारतीय इंजीनियरिंग फर्म और जर्मनी की रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी थाइसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स ने एक स्वदेशी परियोजना के लिए 12 इंडीजीनस लॉ-फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार सिस्टम की आपूर्ति के लिए साझेदारी की है। एक आधिकारिक बयान में गुरुवार को यह जानकारी दी गई।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बयान के मुताबिक, जर्मन रक्षा समूह थाइसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स की सहायक कंपनी एटलस इलेक्ट्रॉनिक ने 12 इंडीजीनस लॉ फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सिस्टम की आपूर्ति के लिए सीएफएफ फ्लुइड कंट्रोल लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। यह स्वदेशी संसाधनों और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, ये सोनार सिस्टम कोलकाता स्थित शिपयार्ड गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के जरिए भारतीय नौसेना के पनडुब्बी रोधी युद्ध जहाजों पर इस्तेमाल किए जाएंगे। सीएफएफ और एटलस इलेक्ट्रॉनिक के बीच साझेदारी भारतीय नौसेना के अग्रिम मोर्चे के जहाजों की परिचालन क्षमता को बढ़ाने में मददगार होगी। भारत सरकार के आत्मनिर्भरता के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए इन सिस्टम का उत्पादन सीएफएफ फ्लुइड कंट्रोल लिमिटेड द्वारा भारत में किया जाएगा।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, सीएफएफ भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों और जहाजों के लिए मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, नेविगेशन, संचार और हथियार प्रणाली, न्यूमेटिक-हाइड्रोलिक, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव के व्यवसाय में लगी हुई है। वहीं, एटलस इलेट्रॉनिक पानी के नीचे ध्वनिकी इंजीनियरिंग और कई क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनी है।
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