मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंडोनेशिया में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण 11 हजार से अधिक लोगों को विस्थापित किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट उत्तरी सुलावेसी प्रांत में हुआ है। पहला विस्फोट मंगलवार रात को हुआ तो वहीं बुधवार को लगातार चार विस्फोट हुए। इस वजह से क्षेत्र की स्थिति नाजुक हो गई है। ज्वालामुखी विज्ञान एजेंसी ने चेतावनी स्तर को बढ़ाकर चार कर दिया है, जो खतरे के पैमाने पर सबसे उच्च है।
मीडिया की माने तो रिपोर्ट के मुताबिक, बहिष्करण क्षेत्र के आकार को चार से छह किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है। पहले रुआंग के 800 से अधिक निवासियों को टैगुलानडांग द्वीप पर ले जाया गया था, जो राज्य की राजधानी मनाडो ने 100 किलोमीटर दूर है। बहिष्करण क्षेत्र को बढ़ाने के कारण गुरुवार सुबह अधिक लोगों को निकालना पड़ा। आपदा एजेंसी के आपदा डेटा, संचार और सूचना केंद्र के प्रमुख अब्दुल मुहरी ने बताया क्षेत्र से करीब 11,615 निवासियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। अधिकारियों को आशंका है कि कहीं इस बार की 1871 की तरह हुए विस्फोट की तरह न हो कि ज्वालामुखी का एक हिस्सा समुद्र में गिर जाए। इससे सुनामी का खतरा बढ़ जाएगा।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, विमानान अधिकारियों ने बताया कि मानडो स्थित सैम रतुलंगी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा गुरुवार शाम तक बंद रहेगा। यह हवाईअड्डा दक्षिण कोरिया, चीन और सिंगापुर सहित अन्य देशों के लिए सेवाएं प्रदान करता है। इसके अलावा, मलेशिया के कोटा किनाबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आने-जाने वाली उड़ानों में भी बाधाएं आई हैं।
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