International Solar Alliance: नेपाल ने भारत-फ्रांस द्वारा गठित आईएसए पर समझौते का किया समर्थन, संसद में चर्चा

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International Solar Alliance: नेपाल ने भारत-फ्रांस द्वारा गठित आईएसए पर समझौते का किया समर्थन, संसद में चर्चा
(नेपाल के उर्जा मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल की संसद के निचले सदन ने गुरुवार को भारत और फ्रांस द्वारा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के गठन पर एक समझौते का समर्थन किया। देश के उर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे संसद ने बहुमत के साथ समर्थन दिया। नेपाल साल 2022 में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा के दौरान आईएसए में शामिल हुआ था।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आईसएस के गठन के बारे में सासंदों की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मंत्री बस्नेत ने कहा कि यह उर्जा क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, अगले दो साल में हम 1000 मेगावॉट सौर उर्जा का उत्पादन करने में सक्षम होंगे। इस पर काम चल रहा है और पीपीए (बिजली खरदी समझौता) बोली भी शुरू हो गई है। सबसे पहले हमने 800 मेगावॉट बिजली खरीद समझौते के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की है। सौर उर्जा से ही दो साल के भीतर हम 1,000 मेगावॉट बिजली और जोड़ देंगे। इसके अलावा हम जल विद्युत से 4,500 मेगावॉट बिजली की उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य बना रहे हैं। अगले एक साल में 1000 मेगावॉट अधिशेष होगा जो सौर से आएगा।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि इस समझौते से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और देश के बिजली उत्पादन को दिसा देने में मदद मिलेगी। आईएसए का लक्ष्य उर्जा पहुंच को बढ़ाना, उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और सदस्य देशों में उर्जा हस्तांतरण को बढ़ावा देना है।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, संसद में चर्चा में भाग लेते हुए विपक्षी नेपाली कांग्रेस पार्टी के सांसदों में एक राजेंद्र कुमार केसी ने सौर उर्जा को लागत प्रभावी और बिजली उत्पादन के लिए पर्यावरण के अनुकूल साधन बताया। उन्होंने कहा, यह सौर उर्जा हमारे लिए फायदेमंद है। इसमें उत्पादन लागत कम है। एक मेगावॉट (हाइड्रो) बिजली का उत्पादन करने के लिए करीब 12-15 करोड़ रुपये की लागत आती है। लेकिन इतनी ही मात्रा में सौर माध्यम से बिजली के उत्पादन की लागत लगभग आधी है। जैसे-जैसे उत्पादन लागत कम होती जाती है, हम उपभोक्ताओं को कम दामों में बिजली दे सकते हैं। यह (आईएसए) वास्तव में नेपाल के लिए फायदेमंद हो सकता है।

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