मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश के 24 करोड़ घरों को अगले छह साल में यानी 2030 तक तेज रफ्तार वाली ब्रॉडबैंड सेवाओं से जोड़ने के लिए 4.2 लाख करोड़ रुपये के भारी निवेश की जरूरत होगी। ईवाई ग्लोबल के दूरसंचार क्षेत्र के प्रमुख एवं भागीदार प्रशांत सिंघल ने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के सम्मेलन में इसका ब्योरा देते हुए कहा, फाइबर बिछाने पर 2.7-3 लाख करोड़ रुपये, बुनियादी ढांचे पर 90,000-96,000 करोड़, वाईफाई एवं इन-बिल्डिंग समाधान पर 6,600-9,000 करोड़ रुपये, डाटा सेंटर पर 9,700-14,100 करोड़ रुपये और उपग्रह ब्रॉडबैंड सेवाओं पर 26,000-29,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिंघल ने कहा, भारत में अभी चार करोड़ घर ब्रॉडबैंड से जुड़े हैं। इनमें शहरी इलाकों में ब्रॉडबैंड की पहुंच 3.6 करोड़ घरों तक है। ग्रामीण क्षेत्रों में 30 लाख कनेक्शन हैं। इन्हें 2030 तक क्रमशः 10 करोड़ और 15.3 करोड़ घरों तक पहुंचाने की जरूरत है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के अध्यक्ष टीवी रामचंद्रन ने कहा, देश में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड का मौजूदा ढांचा डाटा की बढ़ती खपत के साथ तालमेल नहीं बिठा सकता है। छह साल में फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन में 20 फीसदी की न्यूनतम वार्षिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी। अमेरिका में घरों तक ब्रॉडबैंड की पहुंच 92 फीसदी, चीन में 97% व जापान में 84% है।
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