मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) को निवेश उत्पाद के रूप में प्रचारित करने पर रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि बीमा कंपनियां अब यूलिप को निवेश उत्पाद के रूप में नहीं बेच सकेंगी। बीमा नियामक ने 19 जून के मास्टर सर्कुलर में कहा, ‘यूनिट-लिंक्ड’ या ‘इंडेक्स-लिंक्ड’ बीमा उत्पादों का निवेश उत्पाद के रूप में विज्ञापन नहीं किया जाएगा। कंपनियों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि बाजार से जुड़ी बीमा योजनाएं पारंपरिक एन्डॉमेंट पॉलिसियों से भिन्न हैं और उनमें जोखिम भी होता है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इरडा ने कहा, परिवर्तनीय सालाना भुगतान विकल्प के साथ लिंक्ड बीमा और वार्षिकी उत्पादों के सभी विज्ञापनों में जोखिम कारकों का खुलासा करना होगा। इरडा में सर्कुलर में कहा, सभी विज्ञापनों में यह बताना होगा कि उत्पाद के बोनस या पिछले प्रदर्शन को भविष्य के लिए गारंटी नहीं माना जा सकता है। यानी अगर किसी प्लान ने पिछले पांच साल में 25 फीसदी रिटर्न दिया हो तो वह अगले पांच साल में भी 25 फीसगी रिटर्न देगा, कंपनियां ऐसा दावा नहीं कर सकेंगी। सर्कुलर में कहा गया है कि सभी बीमा कंपनियां मौजूदा या नए इंश्योरेंस उत्पाद के तहत यूनिट-लिंक्ड फंड्स या इंडेक्स-लिंक्ड फंड्स के विज्ञापन में लाइफ कवरेज और इससे जुड़े उत्पाद के बारे में बताएंगी। इसके बिना कंपनियों की ओर से कोई कोई प्रेस रिलीज और बयान जारी नहीं किया जाएगा। यूलिप ऐसे उत्पाद होते हैं, जिनमें शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। साथ ही, प्लान के आधार पर बीमा कवर मिलता है।
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