मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीमा नियामक इरडाई ने स्वास्थ्य बीमा को लेकर कड़क फैसला किया है। इलाज के दौरान पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो दावा का तुरंत निपटान करना होगा। शव को तुरंत अस्पताल से रिलीज करना होगा। नियामक ने बीमा कंपनियों से समयबद्ध तरीके से 100 फीसदी कैशलेस दावा निपटान हासिल करने को कहा है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने बुधवार को सर्कुलर में कहा, आपात मामलों में बीमा कंपनी को आवेदन प्राप्त होने के एक घंटे में कैशलेस प्राधिकरण के अनुरोध पर निर्णय लेना चाहिए। कंपनियां इसके लिए 31 जुलाई तक तैयारी कर लें। बीमाकर्ता कैशलेस ऑथराइजेशन से निपटने और सहायता के लिए अस्पताल में डेस्क बना सकते हैं। नियामक ने बीमा कंपनियों से कहा, डिजिटल माध्यम से प्री-अथरॉइजेशन प्रक्रिया शुरू करें। इसका मतलब है कि बीमा कंपनी द्वारा एक प्रारंभिक राशि स्वीकृत की गई है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, स्वास्थ्य दावों के मामले में प्रोडक्ट मैनेजमेंट कमिटी यानी पीएमसी या इसके तीन सदस्यीय उप-समूह की मंजूरी के बिना दावा खारिज नहीं किया जाएगा। दावा खारिज या आंशिक रूप से अस्वीकृत किया जाता है तो पॉलिसी दस्तावेज के नियमों और शर्तों सहित पूर्ण विवरण के साथ दावेदार को जानकारी दी जाएगी।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं होने पर कंपनी ग्राहकों को बीमा राशि बढ़ाकर या प्रीमियम राशि में छूट देकर नो क्लेम बोनस चुनने का विकल्प दे सकती है। ग्राहकों को कुशल तरीके से पॉलिसी के नवीनीकरण, सर्विसिंग व शिकायत निवारण के लिए डिजिटल सुविधा देने की भी सिफारिश की गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पॉलिसीधारक को कोई दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। बीमा कंपनियों और थर्ड पार्टी प्रशासक यानी टीपीए को अस्पतालों से दस्तावेज लेने होंगे।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें