भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज होने वाले पी एस एल वी-सी 54 के प्रक्षेपण के लिए तैयार है। इसके माध्यम से भू-निरीक्षण उपग्रह ओशन सैट और 8 नैनो सेटेलाइट दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किये जाएंगे।
प्रक्षेपण के लिए कल से जारी उलटी गिनती आज खत्म होगी। 4 चरणों वाले प्रक्षेपणयान में ईंधन भरने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वैज्ञानिक सफल प्रक्षेपण के लिए अंतिम क्षणों में होने वाले परीक्षणों पर नजर रख रहे हैं। एसआरओ का सफल वर्कहॉर्स पीएसएलवी का एक्सएल संस्करण अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से आज ठीक 11 बजकर 56 मिनट पर उड़ान भरेगा। 2 घंटे 20 मिनट की अवधि में उपग्रहों को सूर्य की समकालिक ध्रुवीय कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा।
एक हजार 117 किलोग्राम के पेलोड में ओशन मॉनिटर, समुद्री सतह मॉनिटर, कू बैंड स्कैटरोमीटर और आर्गोस नामक एक फ्रेंच पेलोड शामिल हैं। ARGOS मौसम की निगरानी पर काम कर रहे इंडो फ्रेंच उपग्रहों के पहले से ही कक्षा में मौजूद बेड़े को और मजबूत करेगा। इस प्रकार यह पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आनंद नैनो उपग्रह पृथ्वी की निम्न कक्षा में एक माइक्रोसेटेलाइट का उपयोग करते हुए पृथ्वी के अवलोकन के लिए लघु पृथ्वी अवलोकन कैमरे के व्यावसायिक इस्तेमाल की प्रौद्योगिकी का प्रदर्शक है। थायबोल्ट में एक संचार पेलोड है। ये कई उपयोगकर्ताओं के लिए तेजी से प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और समूह विकास को सक्षम बनाता है।
Courtesy : newsonair.gov.in
Image Source : isro.gov.in
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