मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश के पहले सौर अभियान आदित्य-एल1 पर लगे 6 मीटर लंबे मैग्नेटोमीटर बूम को सक्रिय कर दिया गया है। अभियान लॉन्चिंग के 132 दिन बाद खोला गया यह उपकरण 6 मीटर लंबा है, जो अंतरिक्ष में अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसरो ने बताया कि इसमें दो फ्लेक्सगेट मैग्नेटोमीटर लगे हैं, उच्च सटीकता के साथ सूक्ष्म अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापते हैं। इसे यान से 6 मीटर की दूरी पर तैनात किया गया है, ताकि यान में लगे दूसरे उपकरणों से पैदा चुंबकीय क्षेत्र का इस पर कोई असर नहीं हो। इसरो ने बताया कि ये बूम सेगमेंट कार्बन फाइबर पॉलिमर से बने हैं। आदित्य-एल1 को 2 सितंबर, 2023 को भारतीय रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-एक्सएल से लॉन्च किया गया था। 6 जनवरी को यह पृथ्वी और सूर्य के बीच मौजूद एल (लैग्रेंज) बिंदु एक पर पहुंच गया। इसमें कुल सात पेलोड लगे हैं, जिनमें से चार पेलोड सीधे सूर्य को देखते हैं और शेष तीन पेलोड लैग्रेंज बिंदु पर ही कणों और क्षेत्रों का अध्ययन करते हैं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट ने लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर अपने 6 मीटर लंबे मैग्नेटोमीटर बूम को सफलतापूर्वक तैनात कर लिया है। इसके साथ ही इसरो को बड़ी कामयाबी मिली है। इस बूम को 132 दिनों के बाद हेलो कक्षा में तैनात किया गया है। बूम में दो फ्लक्सगेट मैग्नेटोमीटर लगे हैं जो अंतरिक्ष में अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापेंगे।
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