मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के रथ के लिए 10 मई को खास जंगल से लायी गई लकड़ी के साथ साल 2024 की रथयात्रा की तैयारियों की विधिवत शुरुआत हो गई। विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा की तैयारियों की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन आरंभ की जाती है, जो इस साल 10 मई को मनाई गई। इस साल अक्षय तृतीया के दिन ओडिशा के नयागढ़ जिले के दसपल्ला और महिपुर के जंगलों से खास लकड़ियां लायी गई हैं, जिनका उपयोग रथों के निर्माण में होगा। दसपल्ला और महिपुर के जंगलों जंगलों में हर कोई लकड़ी नहीं काट सकता। इन जंगलों की रखवाली का काम माली प्रजाति के लोग लगभग 100 वर्षों से करते आ रहे हैं, जिनकी अनुमति के बिना वृक्ष नहीं काटे जाते हैं। बता दें, रथयात्रा में प्रयुक्त लकड़ियां पूरे विधि-विधान और पवित्रता के साथ विशेष जंगलों और स्थानों से आती हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि, हर साल पुरी रथयात्रा आषाढ़ महीने की द्वितीया तिथि से आरंभ होती है। साल 2024 में भगवान जगन्नाथ की पुरी रथयात्रा 7 जुलाई को शुरू होगी। इस यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई की सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर होगी। यह नौ दिवसीय रथयात्रा 16 जुलाई को बहुड़ा यात्रा के समापन के साथ समाप्त होगी। पुरी रथयात्रा में तीन रथ निकाले जाते हैं, जो भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र (बलराम) और उनकी बहन देवी सुभद्रा को समर्पित होते हैं। भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन देवी सुभद्रा के हर साल नए रथ तैयार होते हैं, जो विशेष किस्म की नीम की लकड़ियों से बनता है। इन रथों को बनाने में 865 लकड़ी के टुकड़े लगते हैं, लेकिन पिछले वर्ष 53 टुकड़े शेष बचे थे, इसलिए इस बार 812 टुकड़े ही लगेंगे। बताया जा रहा है कि अक्षय तृतीया के दिन यानी 10 मई तक करीब 200 टुकड़े मंदिर पहुंच चुके हैं।
Image Source : social media
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