Jake Sullivan: सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की तैयारी में NASA-ISRO; लूनर गेटवे कार्यक्रम पर भी चर्चा

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Jake Sullivan: सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की तैयारी में NASA-ISRO; लूनर गेटवे कार्यक्रम पर भी चर्चा
(अमेरिका और भारत के एनएसए ) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत-अमेरिका मिलकर अंतरिक्ष कार्यक्रमों में साझेदारी और अंतरिक्ष में नई खोजों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेंगे। अब दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां नासा और इसरो, सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहीं हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपने भारतीय समकक्ष से सोमवार को मुलाकात भी की। सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक जेक सुलिवन और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच आईसीईटी वार्ता हुई। जिसके बाद भारत और अमेरिका की तरफ से एक फैक्ट शीट जारी किया गया। जिसमें कहा गया है, “अंतरिक्ष में अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने, मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए एक रणनीतिक ढांचे के समापन का जश्न मनाया जा रहा है।” नासा जॉनसन स्पेस सेंटर में इसरो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उन्नत प्रशिक्षण शुरू करने की दिशा में काम करेगा।” इससे पहले मई में पेंटागन में दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष संवाद आयोजित किया गया था। इस दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता समेत द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर चर्चा की गई थी।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां नासा और इसरो, सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहीं हैं। सिंथेटिक एपर्चर रडार संयुक्त रूप से विकसित किया गया एक उपग्रह है। इस उपग्रह को जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से निपटने के प्रयासों के तहत तैयार किया गया है। सिंथेटिक एपर्चर रडार 12 दिनों में दो बार पृथ्वी की सतह का नक्शा तैयार करेगा। एनआईएसएआर- नासा और इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार का संक्षिप्त रूप है। यह पृथ्वी की जमीन और बर्फ की सतहों की गतिविधियों को बेहद सूक्ष्मता से निगरानी करने के लिए दोनों संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है। बता दें कि NISAR लगभग 40 फीट (12 मीटर) व्यास वाले ड्रम के आकार के रिफ्लेक्टर एंटीना के साथ रडार डेटा एकत्र करेगा। यह पृथ्वी की भूमि और बर्फ की सतहों में एक इंच के अंश तक परिवर्तन का निरीक्षण करने के लिए इंटरफेरोमेट्रिक सिंथेटिक एपर्चर रडार या इनएसएआर नामक सिग्नल-प्रोसेसिंग तकनीक का उपयोग करेगा। अमेरिका और भारत के एनएसए के बीच बातचीत के बाद जारी किए गए तथ्य पत्र में कहा गया है कि दोनों पक्ष लूनर गेटवे कार्यक्रम में भाग लेने के अवसर भी तलाश रहे हैं। लूनर गेटवे प्रोग्राम का लक्ष्य चंद्रमा के चारों ओर एक अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करना है। दोनों देशों के एनएसए के बीच बातचीत में लूनर गेटवे कार्यक्रम में भारत के शामिल होने के अवसर भी तलाशे गए। इसके साथ अन्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में सहयोग के लिए भी विकल्पों पर चर्चा की गई। सुलिवन 17 से 18 जून तक नई दिल्ली का दौरा कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान जो बाइडन प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी की पहली भारत यात्रा है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग जगत के नेता शामिल हैं।

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