मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड सरकार भी अब पश्चिम बंगाल की लक्ष्मी भंडार की तर्ज पर महिलाओं के लिए नगद हस्तांतरण योजना शुरू करेगी। यह योजना मुख्यमंत्री बहन बेटी स्वावलंबन योजना रखा जाएगा। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि 25 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की सभी श्रेणियों की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सैद्धांतिक रूप से यह निर्णय लिया गया कि इस योजना के तहत 1,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, लेकिन इसके लिए वित्त विभाग और कैबिनेट से मंजूरी की आवश्यकता है। दरअसल झारखंड सरकार जल्द ही पश्चिम बंगाल की ‘लक्ष्मी भंडार’ पहल की तर्ज पर महिलाओं के लिए नकद हस्तांतरण योजना शुरू करेगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री बहन बेटी स्वावलंबन योजना’ रखा गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा, “हमारी सरकार महिलाओं को बेहतर शिक्षा, उनके स्वास्थ्य और पोषण स्तर में निरंतर सुधार, महिला सशक्तिकरण और परिवार में महिलाओं की निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने अधिकारियों को युद्ध स्तर पर सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया। योजना का लाभ निर्धारित समय सीमा के भीतर पात्र महिलाओं तक पहुंचाया जा सके। बैठक में मुख्यमंत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द योजना के लिए एक पोर्टल तैयार करने का भी निर्देश दिया। झारखंड मंत्रिमंडल ने इस साल जनवरी में 50 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं, आदिवासियों और दलितों को वृद्धावस्था पेंशन योजना में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। पहले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को इस योजना का लाभ मिलता था, जिसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 1,000 रुपये दिए जाते हैं।
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