मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड में चंपई सोरेन सरकार ने बिहार की तर्ज पर राज्य में जाति-आधारित सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी है। लेकिन, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का कहना है कि राज्य सरकार को बहुत अधिक बातें करने के बजाय सबसे गरीब लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। गवर्नर से जब ये पूछा गया कि क्या इस सर्वेक्षण से कोई लाभ होगा, उन्होंने कहा, ‘राज्य की जनसांख्यिकी के बारे में सभी जानते हैं। बहुत सारी बातें करने के बजाय, हमें सबसे गरीब लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’ राधाकृष्णन राज्यपाल के रूप में एक साल पूरा होने के मौके पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्यपाल ने दूर-दराज के इलाकों में पाइप से पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने की गति के साथ-साथ प्रारंभिक स्तर की शिक्षा में सुधार की भी सराहना की। राज्यपाल ने कहा, ‘झारखंड में लगभग 8 प्रतिशत (घरों) में नल जल कनेक्शन था, जो अब 35 प्रतिशत से 38 प्रतिशत के बीच है। मुझे उम्मीद है कि इसमें और सुधार होगा और हम अगले साल तक 60 प्रतिशत पूरा कर लेंगे।’
मीडिया सूत्रों के अनुसार, सीपी राधाकृष्णन ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया, ‘बिहार के नक्शेकदम पर चलते हुए, हम विश्वविद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए एक विशेष लोक सेवा आयोग बनाना चाहते हैं।’
मीडिया में आई खबर के अनुसार, राज्यपाल ने कहा कि राज्य में आवास, सिंचाई और वन विकास पर और ध्यान देने की जरूरत है और जहां तक प्राकृतिक संसाधनों का सवाल है, हम एक समृद्ध राज्य हैं, लेकिन लाभ अभी भी गरीब लोगों तक नहीं पहुंच पाया है।
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