मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (सीआईसी) में बदलने की मंजूरी हासिल कर ली है। यह कदम कंपनी के फोकस में रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है। देश के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह को आईपीओ के कयासों से पहले आरबीआई से खुशखबरी मिली है। रिजर्व बैंक ने समूह की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (सीआईसी) बनने की मंजूरी प्रदान कर दी है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेंट्रल बैंक से मिली इस मंजूरी के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (सीआईसी) में बदलने का रास्ता साफ हो गया है। जियो फाइनेंशियल ने आरबीआई से मिली इस मंजूरी की जानकारी शेयर बाजारों को दी है। कंपनी ने एनबीएफसी से सीआईसी में कंवर्जन के लिए आरबीआई के पास नवंबर 2023 में आवेदन किया था। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को बीते साल रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग किया गया था। उसके बाद शेयर बाजार पर 21 अगस्त 2023 को जियो फाइनेंशियल के शेयर लिस्ट हुए थे। कंपनी ने बताया है कि उसे सेंट्रल बैंक के नियमों के अनुसार एनबीएफसी से कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी में बदलना अनिवार्य था। उसने नियमों का पालन करते हुए कंवर्जन के लिए अप्लाई किया था।
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