मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब पुलिस की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए विभाग में 10 हजार नए पद सृजित कर भर्ती की जाएगी। नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए सभी एसएसपी के साथ के बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह घोषणा की है। इससे आने वाले समय में एक तरफ अपराध को रोकने में मदद मिलेगी, दूसरी ओर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सीएम मान ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नशा तस्करों की गिरफ्तारी के बाद एक सप्ताह के अंदर उनकी प्रॉपर्टी जब्त की जानी चाहिए। यह जानकारी सीएम मान ने अपने आवास पर पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि नशे को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने ने बहु-पक्षीय रणनीति बनाई है, जिसके तहत सरकार पुलिस विभाग में कई सुधार करने जा रही है। यह सामने आया है कि कई निचले स्तर के पुलिस मुलाजिमों की नशा तस्करों के साथ मिलीभगत है। यही कारण है कि निचले स्तर पर लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात पुलिस कर्मचारियों के बड़े स्तर पर तबादले किए जा रहे हैं। अलग-अलग डिवीजनों में तैनात 10 हजार से अधिक पुलिस कर्मचारियों के तबादले किए जा चुके हैं और तैनाती में रोटेशन की प्रक्रिया चल रही है। नशा तस्करों के साथ जिन पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत मिलेगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनको तुरंत बर्खास्त किया जाएगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीएम मान ने कहा कि अगर कोई नशे की तस्करी करता हुआ पकड़ा गया तो उसकी प्रॉपर्टी जब्त होगी। जरूरत पड़ी तो विधानसभा में भी इस संबंध में प्रस्ताव लेकर आएंगे, ताकि सख्त से सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया जा सकें। उन्होंने कहा कि सुरक्षा फोर्स ने अब तक हादसों के बाद दो हजार से अधिक कीमती जानें बचाई हैं। नशा तस्करी के लिए ड्रोन का प्रयोग करने वाले तस्करों, गैंगस्टरों और आतंकवादियों के साथ निपटने के लिए विस्तृत रणनीति बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब नशे के विरुद्ध देश की लड़ाई लड़ रहा है और इस कार्य के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। मान ने कहा कि पंजाब में नशा पैदा नहीं होता, बल्कि अन्य राज्यों और सरहद पार से नशा आ रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब को तो ऐसे ही बदनाम किया जा रहा है, जबकि महाराष्ट्र व गुजरात की बंदरगाहों से असल में नशे की तस्करी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में हिस्सेदार न बनने कारण भाजपा के सूबा प्रधान सुनील जाखड़ निराश हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश सरकार के खिलाफ बेबुनियाद बयान दे रहे हैं। उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि लंबे समय तक चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण राज्य में विकास कार्यों में रुकावट आई है, जो अब नहीं आएंगी।
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