मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मरीज के बेड पर बैठकर रील बनाना मेडिकल छात्रों को भारी पड़ गया। उन्हें दस दिन अतिरिक्त प्रशिक्षण की सजा दी गई है। कर्नाटक के गडग जिले स्थित गडग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के 38 छात्रों को कॉलेज परिसर में इंस्टाग्राम रील बनाने पर सजा दी गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, छात्रों ने ‘रील इट, फील इट’ टैगलाइन के साथ मरीजों के पलंग पर बैठकर रील बनाई थी। सजा के रूप में इन छात्रों की हाउसमैनशिप ट्रेनिंग 10 दिन के लिए बढ़ा दी गई है। हाउसमैनशिप ट्रेनिंग इंटर्नशिप जैसा होता है, जहां इंटर्न को हाउस ऑफिसर्स के रूप में जाना जाता है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, गडक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डायरेक्टर डॉक्टर बसवराज बोम्मनहल्ली ने इसे एक गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि छात्रों को यदि रील बनानी ही थी तो उन्हें कैंपस के बाहर बनानी चाहिए थी न कि अस्पताल परिसर में। रील बनाने वालों में कई ने एमबीबीएस कोर्स पूरा कर लिया है और हाउस सर्जन कोर्स कर रहे हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, छात्रों को जब ट्रोल किया जाने लगा तो उन्होंने सोशल मीडिया पर जवाब दिया। उनका कहना था कि कोरोना काल में भी हमने रील बनाई थी तब सराहना मिली थी लोगों ने इसे जिंदाजिली बताया था। उसी क्रम में यह रील बनाई गई लेकिन इसपर ट्रोल होंगे यह नहीं समझ सके थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस घटना से एक दिन पहले चित्रदुर्ग जिले के सरकारी अस्पताल में प्री-वेडिंग शूटिंग की थी। उन्हें कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने निलंबित किया था। ये घटना तब सामने आई जब मेडिकल छात्रों के हिंदी और कन्नड़ गानों पर डांस करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
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