मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की खबरों के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने 21 जून तक राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उच्च न्यायालय ने निर्देश देते हुए कहा प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि राज्य पुलिस को केंद्रीय बलों के साथ मिलकर एक-दूसरे के साथ समन्वय करना चाहिए।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, अदालत ने सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर गंभीरता से लेने के लिए कहा है। इसके पहले कोर्ट ने डीजीपी को ईमेल के जरिए शिकायतें दर्ज करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि सरकार प्रदेश में हुई हिंसा पर एक व्यापक रिपोर्ट 16 जून को पेश करें। इस मामले में कोर्ट अगली सुनवाई 18 जून को करेगी।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का भाजपा ने स्वागत किया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा फैलाए गए “आतंक के शासन” को ये उच्च न्यायलय का भारी झटका लगा है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वहीं चुनाव के बाद हिंसा के मामले में वकील और भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल ने बताया, ‘ मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायक की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने में से एक विपक्ष के नेता विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी थे दूसरी याचिका खुद मैंने दायर की थी।’ प्रियंका ने आगे बताया कि राज्य सरकार चाहती है केंद्रीय बल प्रदेश से चले जाएं। लेकिन हमने केंद्रीय सुरक्षा बलों के बढ़ाने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसके लिए कोर्ट ने अनुमति देते हुए 21 जून तक केंद्रीय बलों को बढ़ाने का आदेश दिया है।
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