मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील बने हुए हैं। भारतीय सैनिक किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। सेनाध्यक्ष ने सेना दिवस से पहले बृहस्पतिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में शेष तनावपूर्ण मुद्दों का समाधान तलाशने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी रखे हुए हैं। हमारी ऑपरेशनल तैयारियां उच्चस्तर पर बनी हुई हैं।
क्षेत्र में किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए भारतीय सेना के पास पर्याप्त बल उपलब्ध है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले तीन साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, राजनयिक और सैन्य स्तर की कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने टकराव वाले कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुलाया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए जारी बातचीत पर सेना प्रमुख ने कहा कि ऐसे घटनाक्रम जिनका असर भारत की सुरक्षा पर पड़ सकता है, उन पर लगातार नजर रखी जा रही है। भूटान के साथ हमारे हमेशा से मजबूत सैन्य संबंध रहे हैं। हम दोनों देशों की बातचीत के निष्कर्ष की समीक्षा करेंगे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, सेनाध्यक्ष ने कहा कि सेना में आर्टिलरी यूनिट और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्टम का पुनर्गठन कर बेहतर बनाया गया है। हम पशुओं से होने वाले परिवहन को ड्रोन से करने पर विचार कर रहे हैं। इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। देश की सीमाओं की चुनौतीपूर्ण जगहों पर जवानों तक सामान पहुंचाने के लिए सेना जानवरों पर निर्भर है। हम इसके बजाय ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे। इससे 2027 तक एक लाख वर्कफोर्स में कमी आएगी।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, सेना प्रमुख ने चीन को साफ संदेश दिया कि यदि वह सीमा पर 43 महीने से जारी सैन्य तनाव को खत्म करना चाहता है तो उसे पहले की स्थिति बहाल करनी होगी। इससे पहले उसके साथ कोई वार्ता नहीं होगी। दूसरे शब्दों में भारतीय लद्दाख में जिन इलाकों में उसने चुपचाप घुसपैठ की थी उनसे पूरी तरह पीछे हटना पड़ेगा। जनरल मनोज पांडे ने कहा, हमारा पहला लक्ष्य पूर्व की स्थिति बहाल करना है। चीन के साथ टकराव बढ़ाकर भारत चीनी क्षमता और ताकत को सीधी चुनौती दे रहा है जैसा कि इस सदी में किसी अन्य देश नहीं किया।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना प्रमुख ने कहा कि वह म्यांमार सीमा के हालात को लेकर चिंतिति हैं, लेकिन हालात पर बहुत ही करीब से नजर बनाए हुए हैं। कुछ उग्रवादी समूह मणिपुर के जरिये घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, इसीलिए सेना की तैनाती बढ़ाई गई है। साथ ही कहा कि पिछले दो महीनों में म्यांमार सेना के 416 सैनिकों ने खुली सीमा के जरिये भारत में प्रवेश किया है। इसकी वजह म्यांमार में विद्रोही बलों और सेना के बीच लड़ाई जारी है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, जनरल पांडे ने कहा कि 120 महिलाओं को कमांडिंग अफसर बनाना बहुत बड़ी बात है। उनको पीस स्टेशन से लेकर चुनौतीपूर्ण जगहों पर भी कमांड दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर हर जगह तैनात हैं। इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे है और प्रतिक्रिया भी अच्छी मिली है। सेना प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बल के समग्र आधुनिकीकरण के तहत साल 2024 सेना के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने का साल होगा। हम अपने देश की प्रगति में मदद करने के लिए आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से एक स्थिर और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेनाध्यक्ष ने कहा कि घुसपैठ की कोशिश की कई घटनाएं हुई हैं। हालांकि, इन सबके बावजूद नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम बना हुआ है। हम नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ की कोशिशें नाकाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन पिछले 5-6 महीनों में राजौरी व पुंछ में आतंकी गतिविधियां चिंता का विषय हैं।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें