मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लंदन के मेयर का चुनाव काफी अहम होने वाला है। दरअसल, भारतीय मूल के लोगों का वर्चस्व बढ़ रहा है। इसका प्रमाण पहली बार ब्रिटेन में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं। मीडिया की माने तो ताजा घटनाक्रम में दो भारतीय मूल के उद्यमी लंदन के मेयर इलेक्शन में ताल ठोक रहे हैं। मेयर सादिक खान को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। लेबर पार्टी के सादिक खान इस पद पर तीसरी बार चार साल का कार्यकाल हासिल करने के प्रयास में जुटे हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे भारतीय मूल के दो उद्यमियों में एक की पहचान 63 वर्षीय व्यवसायी तरुण गुलाटी के रूप में हुई है। उन्होंने पिछले साल के अंत में भारत की यात्रा की थी। इसी दौरान इन्होंने मेयर पद के चुनाव अभियान की शुरुआत भी की थी। 62 वर्षीय उद्यमी श्याम भाटिया भी सियासी रण में ताल ठोक रहे हैं। सादिक खान के अलावा लगभग एक दर्जन उम्मीदवार मैदान में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लंदन के मेयर का चुनाव लड़ने वालों के लिए आधिकारिक नामांकन मार्च में होगा। उम्मीदवारों की अंतिम सूची चुनाव से एक महीने पहले 2 अप्रैल को घोषित की जाएगी।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, गुलाटी ने चुनावी नारे के रूप में ‘विश्वास और विकास’ पर जोर दिया है, जबकि भाटिया ने ‘आशा का राजदूत’ होने का नारा दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गुलाटी ने अपने चुनावी अभियान को लेकर कहा, ऐसी धारणा बढ़ रही है कि मौजूदा मेयर समर्थन खो चुके हैं। पार्टी के एक अन्य प्रमुख दावेदार के प्रति मतदाता बहुत उदासीन लग रहे हैं। ऐसे में उन्होंने लंदन का अगला मेयर बनने के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि वे किसी पार्टी की विचारधारा और पूर्वाग्रह के बिना, विचारों और नीतियों के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनता की राय उनके पास बड़ी संख्या में आ रही है। वे लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। फैसला लेने की प्रक्रिया में नागरिकों को भी शामिल करना संभव है। दिल्ली में जन्मे रणनीतिक सलाहकार गुलाटी 20 साल से अधिक समय से लंदन में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि लंदन को सभी के लिए सुरक्षित बनाना, लंदन को फिर से आगे बढ़ाना, समुदायों को मजबूत करना शहर की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि लंदन को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ शहर का दर्जा दिया गया है। इस वैश्विक शहर का मेयर बनने के बाद उनका प्रयास रहेगा कि लंदन का मुकाम बरकरार रहे। सब लंदनवासी सुरक्षित और सशक्त महसूस करें। भारत से अपना चुनावी अभियान शुरू करने के फैसले पर उन्होंने कहा, भारत मेरी जन्मभूमि है।
लंदन कर्मभूमि है। लंदन के मेयर इलेक्शन से पहले माता-पिता, परिवार और शुभचिंतकों के साथ-साथ बड़ों का आशीर्वाद पाना बहुत महत्वपूर्ण था। गुलाटी के पिता भारत सरकार में पूर्व सचिव रह चुके हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, एक अन्य प्रतिभागी ब्रिटिश भारतीय संपत्ति व्यवसायी बत्रा हैं। उन्होने बताया कि उनका जन्म ब्रिटेन में हुआ है। बत्रा के मुताबिक, ‘मैं शहर की वर्तमान स्थिति से बहुत परेशान हूं।’ उन्होंने कहा, लंदन में रहने वाले लोगों को एक निष्क्रिय नीति प्रणाली (defunct policy system) के तहत परेशान किया जा रहा है। वह हालात को बदलने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, आगे का रास्ता चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन वह अपने शहर को खोया सम्मान दिलाने के लिए मेहनत करने से पीछे नहीं हटेंगे।
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